प्रदीप शर्मा
उन्नाव रेप केस में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी ठहराया है. कोर्ट ने सह आरोपी महिला शशि सिंह को बरी कर दिया. शशि सिंह नौकरी दिलाने के बहाने पीड़िता को कुलदीप सेंगर के पास लेकर गई थी, जिसके बाद सेंगर ने पीड़िता का बलात्कार किया. सजा पर बहस 17 दिसंबर को होगी।
तीस हजारी कोर्ट ने जांच एजेंसी सीबीआई को भी फटकारा है। कोर्ट ने कहा कि पीड़िता ने अपनी और परिवार की जान बचाने के लिए इस केस को देर से रजिस्टर कराया गया. कोर्ट ने कहा कि हम पीड़िता की मन की व्यथा को समझते हैं. कोर्ट ने कहा कि गैंगरेप वाले केस में सीबीआई ने एक साल चार्जशीट दाखिल करने में क्यों लगाया?
तीस हजारी कोर्ट ने विधायक कुलदीप सेंगर को धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 363 (अपहरण), 366 (शादी के लिए मजबूर करने के लिए एक महिला का अपहरण या उत्पीड़न), 376 (बलात्कार और अन्य संबंधित धाराओं) और POCSO के तहत दोषी ठहराया है।
इस केस में कुल 5 एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें से एक पर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. बाकी में अभी भी सुनवाई इसी कोर्ट में चल रही है, जिसमें पीड़िता के पिता की कस्टडी में हुई मौत, सड़क दुर्घटना में उसके परिवार से मारे गई दो महिला और पीड़िता के साथ किए गए गैंगरेप और उसके चाचा के खिलाफ कथित रूप से झूठा मामले दर्ज करने से जुड़े मामले शामिल है।
पीड़िता से रेप के मामले में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और अन्य के खिलाफ भी मुकदमा चला. सेंगर और शशि सिंह के खिलाफ धारा 120 बी, 363, 366, 376 और 506 के तहत सीबीआई पहले ही आरोप पत्र दाखिल कर चुकी थी. सीबीआई ने दूसरी चार्जशीट में पांच आरोपियों अतुल सिंह सेंगर, विनीत सोनू, शशि सिंह के खिलाफ दर्ज की थी, जिसमें हत्या का भी मामला है।