प्रदीप शर्मा
मध्यप्रदेश में सियासी ड्रामा भी गजब का चल रहा है। कमलनाथ सरकार ने ‘कोरोना’ के सहारे सरकार से संकट टालने की कोशिश की, लेकिन बीजेपी भी हर दांव आजमा रही है। एक तरफ पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है तो दूसरी तरफ शिवराज सिंह ने बीजेपी विधायकों की राजभवन में परेड कराई। राज्यपाल लालजी टंडन ने भरोसा दिया कि वह विधायकों के अधिकारों की रक्षा करेंगे।
बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल के संक्षिप्त अभिभाषण के बाद स्पीकर ने कोरोना का हवाला देते हुए विधासभा की कार्यवाही को 26 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया। इसके बाद बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। बीजेपी आज ही बहुमत परीक्षण कराने की मांग कर रही थी। बीजेपी का दावा है कि कमलनाथ सरकार बहुमत खो चुकी है और अल्पमत सरकार को सत्ता में रहने का अधिकार नहीं है।
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 106 बीजेपी विधायकों के संग राजभवन पहुंचे। उन्होंने राज्यपाल के सामने विधायकों की परेड कराते हुए शिकायत की कि विधानसभा में उनके सलाह का पालन नहीं किया गया। राज्यपाल लालजी टंडन ने विधायकों को आश्वासन देते हुए कहा, ‘यदि मैंने निर्देश दिया है तो इसे पालन कराने की जिम्मेदारी भी मेरी है। मैं आपके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करूंगा।’
राजभवन के बाहर शिवराज सिंह चौरान ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘कांग्रेस के केवल 92 विधायक बचे हैं। भारतीय जनता पार्टी के 106 विधायक यहां सशरीर आए हैं। यह बिलकुल स्पष्ट है कि बहुमत बीजेपी का है। इसलिए महामहिम राज्यपाल के सामने हमने परेड कराई है।’
कमलनाथ पर मैदान छोड़ने कर भागने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, ‘आते ही भाग गए, टाइम काटू काम कर रहे हैं कि जितनी चले, चल जाए। क्या अल्पमत की सरकार को फैसले लेने का अधिकार है? मैदान छोड़कर भाग गए। यह अस्थिर सरकार कोरोना से भी नहीं बचा सकती, उसके लिए स्थिर सरकार की जरूरत है। राज्यपाल ने आश्वासत किया है कि हमारे संवैधानिक अधिकारों की रक्षा होगी। हम देश की सर्वोच्च अदालत भी पहुंचे हैं।
मध्यप्रदेश में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम के बीच विधानसभा का महत्वपूर्ण सत्र सोमवार को राज्यपाल लालजी टंडन के अभिभाषण के साथ प्रारंभ हुआ। हालांकि विपक्ष की आपत्ति पर राज्यपाल ने अपना अभिभाषण पूरा नहीं किया और सदन से निकल गए। राज्यपाल को सदन में अपना अभिभाषण पढ़ते हुए एक मिनट ही हुआ था कि बीजेपी विधायक दल के मुख्य सचेतक डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि राज्यपाल ऐसी सरकार का अभिभाषण पढ़ रहे हैं जो अल्पमत में है।
राज्यपाल ने बाद में विधायकों से अपील की कि वह नियमों का पालन करें और शांति से काम लें। उन्होंने विधायकों से लोकतंत्र की गरिमा बनाए रखने के लिए संवैधानिक परंपराओं का पालन करने का आग्रह भी किया। इस अपील के बाद राज्यपाल विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति के साथ सदन से बाहर निकल गए। राज्यपाल के जाने के बाद सदन में नारेबाजी और हंगामा हुआ। इससे पहले बैठक शुरू होने पर राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम’ का गान हुआ। इसके बाद विधायकों ने ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए।
कांग्रेस द्वारा कथित तौर पर उपेक्षा किये जाने से परेशान होकर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गत मंगलवार को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और बुधवार को बीजेपी में शामिल हो गए। उनके साथ ही मध्यप्रदेश के 22 कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था, जिनमें से अधिकांश सिंधिया के कट्टर समर्थक हैं। शनिवार को अध्यक्ष ने छह विधायकों के त्यागपत्र मंजूर कर लिए जबकि शेष 16 विधायकों के त्यागपत्र पर अध्यक्ष ने फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया है।