श्रीनगर : जम्मू एवं कश्मीर गुरुवार को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर हुए हमले में दो और जवानों के दम तोड़ने के साथ शहीद जवानों की संख्या बढ़कर 45 हो गई है। इसके अलावा, जम्मू एवं कश्मीर में हुए अब तक के सबसे भयावह आतंकवादी हमले में 38 अन्य घायल भी हुए हैं।
अधिकारियों ने कहा, पुलवामा जिले में श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर यह हमला गुरुवार अपराह्न 3.15 बजे हुआ। जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से लदी एसयूवी सीआरपीएफ की बस से टकरा दी थी और जिससे विस्फोट हो गया।
सीआरपीएफ के एक अधिकारी ने कहा, आत्मघाती बम विस्फोट में बस में सवार 44 सीआरपीएफ जवानों में से कोई भी जीवित नहीं बचा।
उन्होंने कहा, एक अन्य बस में सवार एक घायल व्यक्ति ने भी दम तोड़ दिया, जिससे संख्या बढ़कर 45 हो गई है।
खुफिया विभाग द्वारा 48 घंटे पहले ही हमले की संभावना के बारे में चेतावनी देने के बाद भी यह हमला हुआ।
खुफिया इनपुट में बताया गया था, बातचीत के इनपुट से खुलासा हुआ कि जेईएम ने जम्मू एवं कश्मीर में जिन मार्गो से होकर सुरक्षा बलों का काफिला गुजरता है, वहां आईईडी हमलों को अंजाम देने का संकेत दिया है। संगठन द्वारा अपलोड किया गया एक वीडियो भी साझा किया गया। विभाग ने सलाह दी थी कि आतंकवादियों के ऐसे किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए सुरक्षा बलों को अलर्ट पर रखने की जरूरत है।
जानकार सूत्रों ने कहा कि खुफिया इनपुट को जम्मू एवं कश्मीर में सभी सुरक्षा बलों के साथ साझा किया गया था।
हमले के बाद जेईएम द्वारा जारी किए गए एक वीडियो में आत्मघाती हमलावर की पहचान पुलवामा जिले के काकापोरा के रहने वाले आदिल अहमद डार उर्फ वकास कमांडो के रूप में हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गुरुवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने घटना के बारे में जानकारी दी।
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को केंद्रीय गृह सचिव और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ यहां पहुंचेंगे।
हमले के संबंध में पुलिस को जांच में सहयोग करने के लिए 12 सदस्यीय राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) की अन्य टीम के भी यहां पहुंचने की संभावना है।