तिरुवनंतपुरम : केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने सोमवार को सदन में कहा कि राजनेताओं को पर्याप्त सम्मान देना चाहिए लेकिन हमेशा ऐसा नहीं होता है।
वे एक युवा महिला आईपीएस अधिकारी द्वारा पिछले सप्ताह यहां माकपा जिला कार्यालय की तलाशी लेने पर पुलिस अधिकारी के खिलाफ हुई कार्रवाई की व्यापक आलोचना पर प्रतिक्रिया दे रहे थे।
विजयन ने कहा, राजनेताओं को हमेशा से ही बुरे मामलों में घसीटने की कोशिश होती रही है लेकिन आम तौर पर पार्टी कार्यालयों पर छापा नहीं मारा जाता है। राजनेताओं को उचित सम्मान दिया जाना चाहिए, लेकिन यह हमेशा नहीं होता है।
पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) चैत्रा टेरेसा जॉन ने एक थाने पर पत्थर फेंकने के मामले में पिछले सप्ताह मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) पर छापा मारा था। इस मामले में वामपंथी पार्टी के युवा कार्यकर्ता शामिल थे।
दोषियों के पार्टी कार्यालय में छिपे होने की सूचना पर उन्होंने वहां छापा मारा था। उन्हें हालांकि वहां कोई नहीं मिला।
तलाशी अभियान के तुरंत बाद, विजयन ने जॉन को समन भेज दिया। जॉन को डीसीपी के पद से हटा दिया गया। मुख्यमंत्री के पास ही गृह विभाग है।
इसके बाद कांग्रेस की अगुआई में विपक्ष ने बहादुर और युवा अधिकारी की प्रशंसा नहीं करने और उन्हें हटाने के लिए लैंगिक समानता की बात करने वाले विजयन की आलोचना शुरू कर दी।
दिन में इससे पहले जॉन की कार्रवाई की जांच करने वाले अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) मनोज अब्राहम ने केरल पुलिस प्रमुख को अपनी रिपोर्ट पेश कर जॉन को निर्दोष बताया था।
रिपोर्ट के अनुसार, जॉन ने तलाशी अभियान से पहले सभी जरूरी प्रोटोकॉल का पालन किया था।
वामपंथी पार्टी से जुड़े राज्य सरकार के आठ कर्मियों के खिलाफ जॉन द्वारा कठोर कार्रवाई करने के बाद माकपा नेतृत्व जॉन से खुश नहीं था। ये आठ कर्मी नौ जनवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल के दौरान भारतीय स्टेट बैंक शाखा में लूटपाट करने के बाद से जेल में हैं। यह मामला यद्यपि जॉन के पुलिस अधीक्षक (महिला सेल) पद पर वापसी के बाद से ठंडा है।