कोलकाता : कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के यहां लंदन स्ट्रीट स्थित आधिकारिक आवास पर रविवार को उस समय हाई-वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला, जब वहां पहुंचे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के एक दल को राज्य के पुलिसकर्मियों ने रोक दिया और वे इसके बाद संघीय जांच एजेंसी के अधिकारियों को जबरदस्ती पुलिस थाने भी ले गए।
सीबीआई के उपाधीक्षक तथागत बर्धन की अगुआई में जांच एजेंसी के अफसरों के दल को रविवार शाम कुमार के आवास के पास देखा गया। इससे एक दिन पहले जांच एजेंसी के सूत्रों ने बताया था कि वे पोंजी योजना घोटाला मामले में राजीव कुमार को तलाश रहे हैं।
सूत्रों ने यह भी दावा किया था कि 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी कुमार ने अगर सीबीआई के समन का जवाब नहीं दिया तो वे कुमार को इस मामले में गिरफ्तार भी कर सकते हैं।
रविवार को हालांकि सीबीआई अधिकारियों के आने के कुछ ही मिनट बाद कोलकाता पुलिस के कुछ वरिष्ठ अधिकारी कुमार के आवास पर पहुंच गए और वहां उन्हें सीबीआई अधिकारियों से बहस करते देखा गया।
इसके कुछ समय बाद सीबीआई की एक और टीम मौके पर पहुंच गई, जबकि जांच एजेंसी के कुछ अधिकारी एक पत्र लेकर पार्क स्ट्रीट पुलिस थाने चले गए।
कुमार के आवास के बाहर इंतजार कर रहे बर्धन कुछ समय बाद कहीं चले गए, लेकिन जब उनसे पूछा गया कि क्या वह मौके से जा रहे हैं तो उन्होंने स्पष्ट कहा नहीं।
इस दौरान नगर पुलिस की एक सशक्त टीम को साल्ट लेक क्षेत्र में सीजीओ कॉम्प्लेक्स में सीबीआई के प्रादेशिक मुख्यालय के निकट देखा गया।
शाम सात बजे के आस-पास ड्रामा तब और गहरा गया जब कोलकाता पुलिस के तीन उपायुक्त और उपद्रव-रोधी विभाग के कुछ अधिकारी मौके पर पहुंच गए।
पुलिस अधिकारियों और सीबीआई अधिकारियों के बीच बातचीत के बाद हाथापाई होने लगी, जिसके बाद स्थानीय पुलिसकर्मियों को जांच एजेंसी के अधिकारियों को तीन गाड़ियों में भरते देखा गया, और वे उन्हें लेकर शेक्सपियर पुलिस थाने चले गए।
तृणमूल प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद डेरेक ओब्रायन ने आश्चर्य जताया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कहीं संवैधानिक तख्ता-पलट की योजना तो नहीं बना रहीं। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी सोमवार को संसद में यह मुद्दा उठाएगी।
ओब्रायन ने ट्वीट किया, सोमवार को संसद में हम मांग करेंगे। मोदी को जाना होगा। हम सभी ऐसे विपक्षी दलों से बात कर और इसे उनसे साझा कर रहे हैं, जो लोकतंत्र बचाना चाहते हैं।