नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति के संबंध में निर्देश देने के लिए कहा गया है।
मुख्य न्यायाधीश डी.एन. पटेल की अध्यक्षता और न्यायमूर्ति सी. हरिशंकर की सदस्यता वाली दो सदस्यीय खंडपीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति करने का आदेश देने का कोई कानून नहीं है।
खंडपीठ ने कहा, नियुक्ति के लिए नियम बनाने के लिए हमें कोई कारण नहीं दिखता, क्योंकि यह जिम्मेदारी उत्तरदाताओं की है।
सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति में देरी से सीबीआई, एनएचआरसी और अन्य सरकारी संस्थाओं तथा वैधानिक समितियों के प्रमुखों की नियुक्ति में देरी हो रही है।
यह याचिका दो अधिवक्ताओं ने दायर की थी। याचिका में उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष को नेता प्रतिपक्ष नियुक्त करने के लिए एक नीति बनाने का निर्देश देने का भी आग्रह किया गया था।