नई दिल्ली : ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्नाद्रमुक) और तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के सदस्यों द्वारा विभिन्न मुद्दों को लेकर हंगामा करने के चलते बुधवार को लोकसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए फिर स्थगित कर दी गई।
हालांकि, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने हंगामे के बीच शून्यकाल का संचालन किया और आधार एवं अन्य कानून (संशोधन) विधेयक, 2018 पेश किया गया।
पहले स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे फिर से कार्यवाही शुरू होने के तुरंत बाद, अन्नाद्रमुक और तेदेपा के सदस्यों ने अध्यक्ष के आसन के समीप पहुंचकर हंगामा करना शुरू कर दिया।
अन्नाद्रमुक कावेरी जल विवाद को लेकर विरोध कर रहा है जबकि तेदेपा आंध्र प्रदेश के लिए विशेष दर्जे की मांग कर रहा है।
महाजन ने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपनी सीटों पर लौटने के लिए कहा, लेकिन वे नहीं माने।
उन्होंने जब भाजाप सांसदों से विधायी कार्य के लिए दस्तावेज पटल पर पेश करने के लिए कहा, अन्नाद्रमुक सदस्य जी. हरि ने कुछ फटे कागज और एक फाइल को हवा में उछाल दिया।
हंगामे के बीच केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने आधार विधेयक पेश किया, जिसका तृणमूल कांग्रेस की सांसद सौगता रॉय, कांग्रेस के शशि थरूर और रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के नेता एन.के प्रेमचंद्रन ने इसे सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का उल्लंघन बताते हुए विरोध किया।
रॉय ने पूछा, यह सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का पूरी तरह से उल्लंघन है। प्रमाणीकरण के ्लिए आधार के इस्तेमाल के लिए निजी एजेंसियों को अधिकृत क्यों किया जा रहा है?
विधेयक का विरोध करते हुए थरूर ने कहा, यह विधेयक निजी संगठनों को आधार का विवरण लेने की अनुमति देता है, जो सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का उल्लंघन है। यह विधेयक निजता के अधिकार की सुरक्षा नहीं कर सकता। विधेयक को जरूर वापल लिया जाना चाहिए।
विधयेक को निजता के अधिकार का उल्लंघन करने वाला बताते हुए प्रेमचंद्रन ने कहा, कृपया आधार की परिभाषा देखें। मूल आधार की परिभाषा बदल दी गई है .. चूंकि यह सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का उल्लंघन है, इसलिए मैं विधेयक का कड़ा विरोध करता हूं।
विधेयक के महत्व को स्पष्ट करते हुए कानून मंत्री ने कहा, प्रमाणीकरण या केवाईसी (नो योर कस्टमर) के लिए सभी के लिए आधार का विवरण देना जरूरी नहीं है। हम सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का उल्लंघन नहीं कर रहे हैं।
लोकसभा अध्यक्ष ने विधायी कार्यवाही संचालित करने की कोशिश की लेकिन उत्तेजित सदस्यों ने हंगामा जारी रखा, जिसके चलते दोपहर दो बजे तक के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
इससे पहले, दोपहर 12 बजे तक के लिए कार्यवाही स्थगित की गई थी।
जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन को नए साल की शुभकामनाएं दीं और प्रश्नकाल शुरू किया।
लेकिन, इसके शुरू होते ही अन्नाद्रमुक और तेदेपा के सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप पहुंचकर अपनी मांग के समर्थन में नारेबाजी करने लगे।
महाजन ने सदस्यों के व्यवहार पर असंतोष व्यक्त किया।
उन्होंने कहा, यह ठीक नहीं है। अपनी सीटों पर वापस जाएं। आपकी समस्या का समाधान इस तरह से नहीं होने वाला है। आपको मंत्री से बात करनी चाहिए और इस तरह से विरोध नहीं करना चाहिए। आप अपने निर्वाचन क्षेत्रों में भी अच्छा संदेश नहीं भेज रहे हैं। यह बुरा व्यवहार उचित नहीं है।
हंगामा थमता नहीं देख महाजन ने प्रश्नकाल के दौरान दोपहर 12 बजे तक के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी।