नई दिल्ली : लोकसभाध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने बुधवार को ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्नाद्रमुक) के 24 सदस्यों को उनके अविनीत व्यवहार को लेकर चालू सत्र की पांच बैठकों के लिए सदन से निलंबित कर दिया। सदस्य अध्यक्ष के आसन के पास आकर शोरशराबा कर रहे थे।
अन्नाद्रमुक सांसद कर्नाटक में कावेरी नदी पर बांध के प्रस्ताव का विरोध कर रहे थे।
सदन में भोजनावकाश के बाद की कार्यवाही के दौरान जब राफेल मसले पर चर्चा शुरू हुई तो अन्नाद्रमुक सांसद अध्यक्ष के आसन के पास आ गए और नारेबाजी करने लगे। इससे पहले वे सत्र के आरंभ से ही प्रदर्शन कर रहे थे, जिसके कारण सदन को स्थगित भी करना पड़ा।
कुछ ही सेकंड के भीतर प्रदर्शनकारी सांसदों ने कागज के कुछ टुकड़ों को फाड़कर अध्यक्ष के आसन की तरफ फेंक दिया।
महाजन ने सदस्यों को चेतावनी दी कि वह उनको नामित करेंगी। इसके बावजूद जब वे नहीं माने तो उन्होंने सदन की कार्यवाही में बाधा डालने वाले सदस्यों का नाम पढ़ना शुरू किया।
उन्होंने नाम लिए गए सदस्यों के बारे में कहा, सभी सदन की अगली पांच बैठकों के लिए निलंबित रहेंगे। इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।
लोकसभा की बैठक से निलंबित रहने वाले सदस्यों में के. अशोक कुमार, आर. के. भारतीमोहन, एम. चंद्रकासी, जी. हरि, जयकुमार जयवर्धन, के. परसुरमन, के. कामराज, पी. कुमार, एम. वासंती, सी. महेंद्रन, के. मरागथम, पी. नागराजन, आर. परतीपन, के.आर.पी. प्रभाकरण, एस. राजेंद्रन, वी. सत्यबामा, एस. सेल्वाकुमारचिंन्नायन, पी.आर. सुंदरम, टी.जी. वेंकटेश बाबू, एम.उदयकुमार, वी. एलुमलई और आर. वनरोजा शामिल हैं।
बाद में निलंबित अन्नाद्रमुक सदस्यों ने संसद भवन के भीतर प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
लोकसभा उपाध्यक्ष एम. थंबीदुरई ने कहा कि उन्होंने लोकसभाध्यक्ष पर कोई आक्षेप नहीं लगाया है, लेकिन उनको राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के कार्यो को लेकर आपत्ति है, क्योंकि सरकार ने तमिलनाडु के लिए कुछ नहीं किया है। थंबीदुरई अन्नाद्रमुक से वास्ता रखते हैं।