प्रदीप शर्मा
15 महीनों तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहने के बाद कमलनाथ ने शुक्रवार को अपने पद से इस्तीफे का ऐलान कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने दो दिनों तक चली सुनवाई के बाद कमलनाथ सरकार को शुक्रवार को शाम 5 बजे तक फ्लोर टेस्ट के आदेश दिए हैं. लेकिन कमलनाथ ने फ्लोर टेस्ट से पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया. कोर्ट ने गुरुवार को फैसला सुनाते हुए कहा था कि मध्यप्रदेश विधानसभा का सत्र फिर से बुलाया जाए और कमलनाथ सरकार शुक्रवार शाम 5 बजे बहुमत हासिल करे. हालांकि, रात एक बजे तक विधानसभा की कार्यसूची जारी नहीं हुई थी, नाटकीय घटनाक्रम में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव देर रात विधानसभा पहुंचे और अध्यक्ष की मेज पर अपनी चिठ्ठी और फैसले की प्रति रखकर आये।
शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने कहा, जनता ने पांच साल का मौका दिया था ताकि प्रदेश को सही रास्ते पर लाया जा सके. इसकी नई पहचान बने. मध्य प्रदेश की तुलना बड़े राज्यों से हो. 15 साल बीजेपी को मिले और मुझे 15 महीने मिले. इन 15 महीनों में प्रदेश की जनता गवाह किया है कि मेरे द्वारा किए गए काम बीजेपी को रास नहीं आए. आप जानते हैं कि जब सरकार बनी तो पहले ही दिन से साजिश शुरू कर दी।