कराकस : वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मदुरो ने अमेरिका स्थित अपने देश के दूतावास और वाणिज्य दूतावासों को बंद करने का आदेश दिया है और अपने राजनयिकों से अमेरिका से वापस आने को कहा है। इसके साथ ही उन्होंने अमेरिकी राजनयिकों को 72 घंटे के भीतर वेनेजुएला छोड़ने का आदेश दिया है।
विपक्ष के नियंत्रण वाली संसद के प्रमुख जुआन गुआइदो द्वारा खुद को वेनेजुएला का अंतरिम राष्ट्रपति घोषित करने और उसके तुरंत बाद वॉशिंगटन द्वारा इस पर समर्थन जताने के बाद मदुरो ने सुप्रीम कोर्ट ऑफ जस्टिस (टीएसजे) के समक्ष यह बात रखी जिसके बाद तमाम मजिस्ट्रेट और अन्य सरकारी शाखाओं के प्रतिनिधियों ने उनके (मदुरो के) प्रति अपना समर्थन जताया।
एफे की रिपोर्ट के अनुसार, मैंने हमारे देश के सभी कर्मियों, राजनयिकों और वाणिज्यिदूतों को वापस बुलाने और अमेरिका में हमारे सभी दूतावास और वाणिज्य दूतावासों को बंद करने का फैसला किया है।
मदुरो ने दोहराया कि बुधवार को उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप की साम्राज्यवादी सरकार के साथ सभी राजनयिक और राजनीतिक संबंधों को तोड़ने और उनके सभी राजनयिक और अन्य कर्मियों को वेनेजुएला से 72 घंटों के भीतर निष्कासित करने का निर्णय लिया।
गुआइदो ने हालांकि मदुरो के फैसले को अस्वीकार कर दिया और सभी विदेशी दूतावासों को अपनी स्थिति में रहने के लिए कहा। अमेरिका ने साफ कर दिया कि वह अब मदुरो को देश का प्रमुख नहीं मानता, इसलिए वह उनके निर्देशों का पालन नहीं करेगा।
अमेरिकी सरकार ने गुरुवार को मदुरो के देश छोड़ने के 72 घंटे के अल्टीमेटम की प्रतिक्रिया में वेनेजुएला से अपने सभी गैर-जरूरी कर्मियों को वापस आने का आदेश दिया।
इसके बाद अलर्ट के तौर पर विदेश विभाग ने वेनेजुएला में रहने वाले या यात्रा कर रहे अमेरिकियों को देश छोड़ने पर गंभीरता से विचार करने की सलाह दी थी।
इसी बीच अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने गुरुवार को सुरक्षा बलों को वेनेजुएला के स्वघोषित राष्ट्रपति (गुआइदो) की रक्षा करने का आग्रह किया और वेनेजुएला के लोगों के लिए मानवीय सहायता के रूप में दो करोड़ डॉलर की धनराशि की घोषणा की।