गढ़चिरौली (महाराष्ट्र) : यहां बुधवार को हुए विस्फोट में सी-60 के 15 जवानों के शहीद होने के बाद नक्सली संगठनों ने राज्य सरकार द्वारा क्षेत्र में उसकी आधारभूत परियोजनाओं को लागू करने को लेकर चेतावनी दी है। आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी।
यहां चेतावनी से भरे बैनरों को कई गांवों और आसपास के इलाकों में रात में लगाया गया, जिसमें सरकार और इसके ठेकेदारों को इस क्षेत्र में पुलों और सड़कों का निर्माण न करने के लिए कहा गया है।
सूत्रों के अनुसार, ये बैनर प्रतिबंधित भरतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) ने अपने स्थानीय विभागीय सतर्कता समिति (डीवीसी) के जरिए लगाए हैं। इसमें सरकारी अधिकारियों, ठेकेदारों और निजी कंपनियों से आधारभूत परियोजनाओं से दूर रहने के लिए कहा गया है।
पोस्टरों में दावा किया गया है कि जल, जंगल, जमीन और खनिज संपदा लोगों की है, यहां सड़क और पुल बनाकर इन्हें कुछ उद्योगपतियों के फायदे के लिए उन्हें सौंपने की योजना है।
नक्सलियों ने लाल और सफेद रंग के बैनर लगाए हैं, जिनमें शीर्ष उद्योगपतियों और उनके एजेंटों पर ऐसी परियोजनाएं हासिल करने के लिए मोदी और फड़णवीस की चमचागीरी करने का आरोप लगाया गया है।
इसबीच महाराष्ट्र पुलिस ने गुरुवार को सी-60 त्वरित प्रतिक्रिया बल के उन 15 कमांडों के नाम जारी किए, जो कुरखेड़ा उप जिले में दादरपुर के समीप नक्सलियों द्वारा किए गए विस्फोट में शहीद हो गए थे।
शहीद कमांडों में 2010 बैच के साहुदास मादावी, पूरनशाह दुगा, लक्ष्मण कोडापे, अमृत भदाडे हैं। वहीं 2011 बैच से प्रमोद भोइर, राजू गायकवाड़, किशोर बोबाटे, संतोष चह्वान, दयानंद सहारे, भूपेश बलोदे, आरिफ शेख, अगरामेन रहाते और सरजेराव खर्दे शामिल हैं।
दो अन्य कमांडो 2012 बैच के योगाजी हालामी और नितिन पोरमारे थे, जिनमें से सभी ने औसत रूप से पुलिस विभाग में 10 वर्ष की सेवा की है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस की अध्यक्षता में महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने 15 शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की और एक मई के हमले के बाद सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया।