प्रयागराज : मकर संक्रांति के मौके पर कुंभ मेले का आगाज होने के साथ हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदी का मिलन स्थल माने जाने वाले पवित्र संगम में डुबकी लगाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक विविधताओं का गवाह बनने के लिए भक्तों से आग्रह किया कि वे इस वर्ष भारी संख्या में इसका हिस्सा बनें।
संगम में 5 किलोमीटर के स्नान घाट पर आने-जाने के लिए विस्तृत सुरक्षा व्यवस्था की गई है और पोंटून पुलों का निर्माण किया गया है।
कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए इन पुलों के सभी प्रवेश और निकास द्वारों पर सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है।
मध्य रात्रि के बाद, देश और विदेश से मेले के लिए यहां जुटने वाले श्रद्धालु स्नान घाटों की ओर बढ़ने शुरू हो गए हैं। लोग भजन गा रहे हैं और मंत्रों का उच्चारण कर रहे हैं।
घाटों पर दिवाली की तरह बेहतरीन रोशनी की गई है। घाट पर पहुंचे लोगों ने कड़ी सुरक्षा के बीच शाही स्नान शुरू होने का इंतजार किया। सूर्योदय के ठीक पहले वह क्षण आ ही गया, जब आगंतुकों ने बेहद ठंडे जल में पवित्र डुबकी लगाई।
करीब 13 अखाड़े मंगलवार को शाही स्नान में भाग लेंगे, जिसमें प्रत्येक को कुंभ के अधिकारियों द्वारा लगभग 45 मिनट दिया जाएगा। स्नान करने वालों की भारी भीड़ उमड़ रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने शाही स्नान शुरू होने के तुरंत बाद ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया, जो मेले की आधिकारिक शुरुआत का प्रतीक था। कुंभ मेला हर छह साल में आयोजित किया जाता है, जबकि महा कुंभ 12 साल में होता है।
अधिकारियों के अनुसार, लगभग 15 करोड़ श्रद्धालुओं के इसका हिस्सा बनने की उम्मीद है। प्रशासन द्वारा ऐतिहासिक शहर और स्नान घाटों को जगमगाने के लिए 40,000 से अधिक एलईडी लाइटों का इस्तेमाल किया गया है।
कुंभ मेला चार मार्च को समाप्त हो जाएगा, संयोग से उस दिन महा शिवरात्रि भी पड़ रही है।