कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चिटफंड घोटाले के सिलसिले में सीबीआई द्वारा कोलकाता पुलिस प्रमुख से पूछताछ के प्रयास के विरोध में सोमवार को भी अपना धरना-प्रदर्शन जारी रखा है। ममता के प्रदर्शन में समाजवादी पार्टी के नेता किरणमय नंदा भी शामिल हो गए हैं।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख सीबीआई की इस कार्रवाई के विरुद्ध रविवार रात करीब 9 बजे प्रदर्शन शुरू होने के बाद धरने पर बैठ गई थीं, जिसके बाद वह पूरी रात अपने मंत्रियों और पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ मेट्रो चैनल के पास शहर के केंद्र धर्मतल्ला क्षेत्र में धरने पर बैठी रहीं।
बनर्जी ने यहां पत्रकारों से कहा, यह एक सत्याग्रह है और मैं इसे तब तक जारी रखूंगी जब तक देश को बचा नहीं लिया जाता।
मुख्यमंत्री ने कहा उन्हें उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत कई राजनेताओं के फोन आए हैं और सभी ने उनके कदम के प्रति समर्थन जताया है।
नंदा सपा पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के प्रतिनिधि के तौर पर सुबह धरनास्थल पर पहुंचे।
इस बीच, तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने प्रदर्शन किया और शहर व जिले के कई भागों में रेल व सड़कों को बाधित कर दिया।
प्रमुख के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता पार्टी तड़के ही धर्मतल्ला पहुंच गए थे।
नरेंद्र मोदी-नीत केंद्र सरकार और पश्चिम बंगाल सरकार में एक अभूतपूर्व टकराव के तहत, बनर्जी सीबीआई और राज्य पुलिस के आमने-सामने आने के बाद यह आरोप लगाते हुए धरने पर बैठ गईं कि मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह उनके राज्य को अस्थिर कर तख्तापलट का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने साथ ही कहा कि यह संवैधानिक ढांचा नष्ट करने का प्रयास है।
यह टकराव तब शुरू हुआ, जब सीबीआई कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के आवास के पास पहुंची। कुमार चिट फंड घोटाला मामले में पहले से ही एजेंसी की नजर में हैं।