अगरलता : भारत और बांग्लादेश के सीमा सुरक्षा बल बीते दो दिनों से त्रिपुरा के सीमांत में जीरो लाइन पर फंसे 31 रोहिंग्या मुसलमानों के मुद्दे पर सोमवार को बैठक कर सकते हैं। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
बीएसएफ के उप महानिरीक्षक ब्रजेश कुमार ने रविवार को मीडिया से कहा था, 31 रोहिंग्या मुसलमानों के मुद्दे पर कल (सोमवार को) बीएसएफ के सेक्टर कमांडर्स और बीजीबी (बोर्डर गार्ड्स बांग्लादेश) के बीच एक बैठक होगी।
बीएसएफ मानवीय आधार पर रोहिंग्या मुसलमानों मे शामिल इन छह पुरुषों, नौ महिलाओं और 16 बच्चों को खाद्य सामग्री मुहैया करा रहा है।
कुमार ने कहा कि इस बाबत बीएसएफ और बीजीबी के नोडल अधिकारियों के बीच दो बैठकें हो चुकी है, लेकिन मामला अभी तक सुलझा नहीं है।
उनके अनुसार, रोहिंग्या मुसलमान अभी अगरतला से 20 किलोमीटर दूर रायेरमुरा में भारत-बांग्लादेश के बाड़ (फेंसिंग) के पीछे रह रहे हैं।
बांग्लादेशी मीडिया के अनुसार, बीजीबी कमांडिंग ऑफिसर ने आरोप लगाया है कि बीएसएफ जवान रोहिंग्याओं को बांग्लादेश की क्षेत्र में धकेल रहे हैं।
बीएसएफ ने हालांकि बयान जारी कर शनिवार को बीजीबी के इस दावे का कड़ाई से खंडन किया था।
बीएसएफ के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि बीते एक साल में नौकरी और स्थायी कामों की तलाश में बांग्लादेश के रास्ते त्रिपुरा और कुछ अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में 62 रोहिंग्या मुसलमान आए थे। हालांकि इन्हें कानूनी व सुरक्षा औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद वापस भेज दिया गया था।