नई दिल्ली : देश में बढ़ते जलसंकट के बीच राज्यसभा में सांसदों ने शून्यकाल के दौरान सोमवार को जल उपलब्धता की असमानता से निपटने के लिए नदियों के आपस में जोड़ने का मुद्दा उठाया।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद सत्यनारायण जटिया व अन्नाद्रमुक के सदस्य ए.के.सेल्वराज ने एक इलाके में स्थायी रूप से बाढ़ व दूसरे में सूखे की समस्या से निपटने के लिए छोटी नदियों को प्रमुख नदियों से जोड़ने का मुद्दा उठाया। ज्यादातर क्षेत्रों में भूजल में तेजी से गिरावट से स्थिति भयावह हो गई है।
भाजपा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश के कई जिलों में पानी की खराब गुणवत्ता को लेकर चिंता जताई और कहा कि उच्च नाइट्रेट, आयरन व फ्लोराइड की मात्रा की वजह से यह स्वास्थ्य के लिए खतरा है।
इस मुद्दे को शीर्ष प्राथमिकता देते हुए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने जलशक्ति अभियानन लांच किया है, जिससे देश के 255 पानी की कमी वाले जिलों में जल संरक्षण व वर्षा जल संचयन को प्रोत्साहन मिल सके।
इस कार्यक्रम के तहत गंभीर भूजल स्तर के 313 ब्लॉकों, अत्यधिक भूजल दोहन वाले 1,186 ब्लॉकों व कम भूजल उपलब्धता वाले 94 ब्लॉकों को कवर किया जाएगा।
जनहित के दूसरे मुद्दों में सांसदों ने केरल-खाड़ी सेक्टर में ज्यादा हवाई किराया, यमुना एक्सप्रेसवे पर बढ़ती बस दुर्घटनाएं व अवैध कोयला खनन का मुद्दा उठाया।