चेन्नई : लक्ष्मी विलास बैंक (एलवीबी) में 30,000 करोड़ रुपये के सार्वजनिक जमा राशि का हवाला देते हुए अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) ने इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (आईबीएच) द्वारा इसका अधिग्रहण किए जाने के बदले किसी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (पीएसयू) के साथ इसके विलय की मांग की है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर को रविवार को लिखे एक पत्र में एआईबीईए के महासचिव सी.एच. वेंकटचलम ने कहा, लक्ष्मी विलास बैंक लिमिटेड की कमजोर स्थिति को ध्यान में रखते हुए आरबीआई के लिए यह जरूरी है कि एक समग्र दृष्टिकोण अपनाए और एलवीबी का आईबीएच में विलय की अनुमति देने के बजाय इसका विलय जनहित में किसी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के साथ करे।
उन्होंने कहा, बैंक एक निजी बैंक हो सकता है, लेकिन बैंक में जमा राशि (30,000 करोड़) जनता का है और यह सार्वजनिक धन है।
वेंकटचलम ने कहा कि यह पहले से ज्ञात है कि आईबीएच ने खुद बैंक शुरू करने के लिए बैंकिंग लाइसेंस के लिए आवेदन किया था, लेकिन आरबीआई ने मंजूरी नहीं दी।