बेंगलुरू : जर्मनी की गैर-लाभकारी संस्था वेलथुंगगेरहिलफे ने माइक्रोसॉफ्ट अजूरे से संचालित एक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) स्मार्टफोन एप विकसित किया है, जो भारत में कुपोषण से निपटेगा। चाइल्ड ग्रोथ मॉनिटर नाम का यह क्लाउड आधारित एप है, जो माइक्रोसॉफ्ट अजूरे और एआई सर्विसेज से संचालित होता है। यह कुपोषण का पता लगा सकता है और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को उन बच्चों की पहचान करने में सक्षम बनाता है, जो कुपोषण से चिरकालिक रूप से पीड़ित हैं।
कंपनी ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि मार्च तक इस एप की मदद से स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने पांच साल से कम उम्र के 10,000 बच्चों की पहचान की, जिनमें कुपोषण के लक्ष्य थे। ये बच्चे महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान के हैं।
बयान में कहा गया कि 150 प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को बच्चों का डेटा इकट्ठा करने के लिए एप-सक्षम स्मार्टफोन्स दिए गए हैं। यह एप कुछ स्मार्टफोन्स में मौजूद इंफ्रारेड सेंसर का इस्तेमाल कर बच्चे की ऊंचाई, बॉडी वॉल्यूम और भार अनुपात के साथ ही सिर और ऊपरी बांह का 3डी नाप लेता है।
यह एप उन आंकड़ों को माइक्रोसॉफ्ट अजूरे पर भेजता है और उसके बाद पोषण विशेषज्ञ और आईटी विशेषज्ञ स्कैन का माइक्रोसॉफ्ट एआई समाधानों से मूल्यांकन करते हैं और बच्चे के आहार स्वास्थ्य का पता लगाते हैं।
वेलथुंगगेरहिलफे के इनोवेशन निदेशक जोसन मोनिंनगर ने कहा, आज दुनिया के 80 करोड़ लोग भूख से पीड़ित हैं। आप भूख को तब तक मिटा नहीं सकते, जब तक कि आपको पता ना हो कि भूखे लोग कहां हैं। उन्होंने कहा, चाइल्ड ग्रोथ मॉनिटर एप मानवीय संगठनों के बीच एक मान्यताप्राप्त वैश्विक समाधान के रूप में उभरेगा।