नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल में केंद्र सरकार की कार्रवाई को बेहद खतरनाक बताते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह को देश के लिए सबसे बड़ा खतरा करार दिया।
आम आदमी पार्टी (आप) के नेता ने कहा कि उनका ढृढ़ता से मानना है कि मोदी-शाह की जोड़ी देश के लिए सबसे बड़ा खतरा है और अगर हमें इस देश को बचाना है तो आगामी लोकसभा चुनाव में हमें इस जोड़ी से पार पाना ही होगा।
केजरीवाल ने मीडिया को यह भी बताया, ममता बनर्जी सरकार के साथ जो हो रहा है, हम उसकी कड़े शब्दों में निंदा करते हैं और हम बंगाल सरकार के साथ पूरी एकजुटता के साथ खड़े हैं।
केजरीवाल ने कहा, सबसे पहले मैं यह पूछना चाहता हूं कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के करीब 40 अधिकारी और कर्मी बिना किसी वारंट या कानूनी दस्तावेज के कोलकाता पुलिस आयुक्त के आवास में प्रवेश का प्रयास कैसे कर सकते हैं? यह स्पष्ट रूप से अवैध और असंवैधानिक है।
आप नेता ने यह भी कहा कि अगर केंद्र सरकार भ्रष्टाचार को मिटाना चाहती है तो उसने नीरव मोदी और विजय माल्या जैसे लोगों को देश से भागने की अनुमति क्यों दी?
उन्होंने कहा, क्यों प्रधानमंत्री ने आज तक राफेल सौदे में बड़े पैमाने पर हुए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच का आदेश नहीं दिया?
केजरीवाल ने कहा, मोदी सरकार ने आज तक अपनी सभी एजेंसियों सीबीआई, ईडी, आयकर का इस्तेमाल केवल अपने राजनीतिक विरोधियों के लिए किया है।
केजरीवाल ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने जो भी पश्चिम बंगाल में किया वह बेहद खतरनाक है और पूरी तरह से संविधान व लोकतंत्र के खिलाफ है। ऐसे कृत्य देश के लिए एक बड़ा खतरा हैं।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने मई 2014 में सत्ता संभालने के बाद से संविधान के संघीय ढांचे पर लगातार और जोरदार हमले किए हैं।
केजरीवाल ने कहा, केंद्र द्वारा मुझे 33 मामलों में फंसाया गया और प्रधानमंत्री ने दिल्ली पुलिस द्वारा मेरे आधिकारिक आवास पर छापा मरवाया। पुलिस ने मेरे बेडरूम और रसोईघर की तलाशी ली। कृपया मुझे बताएं कि मैं भ्रष्टाचार के किस मामले में शामिल हूं?
उन्होंने कहा, आज कोलकाता में जो भी हो रहा है, ठीक वैसा ही दिल्ली में लगभग चार साल पहले हुआ था। जैसे उन्होंने कोलकाता पुलिस आयुक्त के आवास को घेरने की कोशिश की, उसी तरह जून 2015 में दिल्ली की भ्रष्टाचार विरोधी शाखा (एसीबी) पर अर्धसैनिक बलों को भिजवाकर मोदी सरकार ने जबरन कब्जा कर लिया था।