वी. एस. चंद्रशेखर, वंदे भारत एक्सप्रेस रेलगाड़ी से : रेलवे ने 30 और हाई-स्पीड ट्रेन 18 के रैक्स बनाने का काम शुरू कर दिया है, ताकि देश के विभिन्न हिस्सों में और अधिक हाई-स्पीड रेलगाड़ियां चलाई जा सके। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को यह बातें कही।
उन्होंने कहा कि इस तरह की 100 और ट्रेन रैक्स बनाने का फैसला किया गया है। पहला रैक बनाने पर 97 करोड़ रुपये का खर्च आया है। इसे 18 महीने में तैयार किया गया है। गोयल ने कहा कि भारत में पहली बुलेट ट्रेन चलाने के प्रयास जारी हैं।
गोयल ने आईएएनएस से वंदे भारत एक्सप्रेस में कहा, यात्रा के अनुभव, आराम और गति को देखते हुए रेलवे ने 30 और ट्रेन 18 के रैक बनाने की निविदा प्रक्रिया शुरू की है, जो मेड इन इंडिया होंगे। इस ट्रेन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार की सुबह नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से हरी झंडी दिखाई।
इसका निर्माण इंटेग्रल कोच फैक्टरी (आईसीएफ), चेन्नई में किया गया है। ट्रेन 18 का नाम बदल कर ही वंदे भारत एक्सप्रेस किया गया है। यह सप्ताह में पांच दिन नई दिल्ली से वाराणसी के बीच चलेगी और 775 किलोमीटर की दूरी 8 घंटों में तय करेगी।
इस ट्रेन के दो स्टॉप्स (कानपुर और इलाहाबाद) होंगे। यह 160 किलोमीटर की अधिकतम गति से चल सकती है, लेकिन ज्यादातर हिस्सों में यह 130 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चलेगी। वर्तमान में शताब्दी और राजधानी 100 किलोमीटर प्रति घंटा से कम की स्पीड पर चलती हैं।