नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को जेट एयरवेज के प्रमोटर नरेश गोयल को उनके खिलाफ जारी लुक आउट सर्कुलर को खत्म करने की मांग पर अंतरिम राहत देने से मना कर दिया। न्यायमूर्ति सुरेश कैत की अध्यक्षता वाली एकल न्यायधीश पीठ ने केंद्र से इस पर जवाब मांगा और मामले पर 23 अगस्त को सुनवाई के लिए कहा।
गोयल की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने तर्क दिया कि लुक आउट सर्कुलर गैरकानूनी है क्योंकि यह संसद द्वारा बनाए किसी कानून के तहत जारी नहीं किया गया है।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल मनिंदर आचार्य ने अदालत को बताया कि गोयल के खिलाफ 18,000 करोड़ रुपये की गंभीर धोखाधड़ी की जांच की जा रही है।
गोयल के वकील ने अपने मुवक्किल की विदेश यात्राओं को जरूरी बताते हुए कहा कि वह उन एयरलाइनों के लिए वित्तीय विकल्पों का पता लगाना चाहते हैं जो गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रहीं हैं।
सिंह ने कहा कि गोयल एक एनआरआई हैं और दुबई के निवासी हैं। उन्हें 10 जुलाई से पहले यूएई वापस जाने की जरूरत है। ऐसा नहीं होगा तो वहां उनके आवासीय अधिकारों को रद्द कर दिया जाएगा।
इससे पहले 5 जुलाई को न्यायाधीश विभु बाखरू ने मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था। 25 मई को, गोयल और उनकी पत्नी अनीता गोयल को मुंबई हवाई अड्डे पर आव्रजन अधिकारियों ने देश छोड़ने से रोक दिया था।