नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को नेशनल हेराल्ड अखबार के प्रकाशक एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की याचिका पर सुनवाई 16 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी। एजेएल ने हेराल्ड हाउस खाली करने संबंधी एक न्यायाधीश की पीठ के आदेश को चुनौती देते हुए याचिका दायर की है।
उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति वी. कामेश्वर राव की पीठ ने मामले में सुनवाई 16 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी। पीठ को बताया गया था कि मामले में दलील पेश करने के लिए महाधिवक्ता तुषार मेहता, एजेएल के वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी उपलब्ध नहीं थे।
एजेएल ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के 30 अक्टूबर के निर्देश के विरुद्ध दायर उसकी याचिका को खारिज करते हुए 21 दिसंबर को एकल पीठ द्वारा दिए गए आदेश को खंडपीठ में चुनौती दी है। शहरी विकास मंत्रालय ने अपने निर्देश में कहा है कि एजेएल की 56 साल पुरानी लीज समाप्त हो चुकी है, इसलिए उसे परिसर खाली कर देना चाहिए।
एकल पीठ ने बताया कि एजेएल ने दैनिक प्रकाशन के अंक और देशभर में प्रिंट और ऑनलाइन दोनों में प्रसार के बारे में खुलासा नहीं किया है। एजेएल ने अपनी अपील में कहा है कि अंक न प्रसंगोचित था और न ही मौखिक दलील के दौरान एकल पीठ के किसी सवाल को लेकर कंपनी का विषय-वस्तु।
अपील में कहा गया है कि उच्च न्यायालय ने याचिका रद्द करने के आदेश (21 दिसंबर) में पूरी तरह तथ्यों की उपेक्षा करने की भूल की है। हेराल्ड हाउस से 24 सितंबर 2017 को नेशनल हेराल्ड ऑन संडे का प्रकाशन फिर से शुरू किया गया। इसी तरह 14 अक्टूबर से हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र का भी प्रकाशन किया गया है।