नई दिल्ली : केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र का उद्घाटन दो अक्टूबर को करने के घोषणा के बावजूद इस परियोजना का काम शुरू तक नहीं हुआ है। महात्मा गांधी के समाधि राजघाट पर परियोजना का उद्घाटन महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर होना सुनिश्चित हुआ था।
इस परियोजना को जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल और स्वच्छता विभाग के अंतर्गत स्वीकृत किया गया है। सूत्रों ने कहा कि इस परियोजना के लिए राजघाट पर 3,000 वर्ग यार्ड के क्षेत्र को चिह्नित किया गया है।
पांच जुलाई को बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गांधी जी की 150वीं जयंती मनाने के लिए केंद्र सरकार की योजनाओं का उल्लेख किया था। सीतारमण ने कहा था, दो अक्टूबर 2019 को इस अवसर पर राजघाट स्थित गांधी दर्शन में राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र का उद्घाटन किया जाएगा।
पेयजल और स्वच्छता विभाग ने केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाली एक स्वायस्त संस्था गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति (डीएसडीएस) से राजघाट में जमीन चिह्नित करने के लिए कहा है।
जीएसडीएस के निदेशक दीपांकर श्रीज्ञान ने कहा, हमने राजघाट की पार्किं ग के बराबर में परियोजना के लिए जमीन चिह्नित की है। इस स्थल पर विभाग को परियोजना को आगे बढ़ाने की अनुमति दे दी गई थी।
संपर्क करने पर पेयजल और स्वच्छता विभाग के अधिकारी परियोजना को समय पर पूरा करने में प्रतिबद्ध नहीं दिखे। उनके पास परियोजना की कुल लागत का भी आंकड़ा नहीं था, उन्होंने कहा कि इस पर काम चल रहा है। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, परियोजना चल रही है। हम इसके विवरण पर काम कर रहे हैं।
केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने अपने कार्यकाल के दौरान तीन मई, 2017 को राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र गठित करने के बारे में घोषणा की थी। शर्मा ने कहा था कि राजघाट में जीएसडीएस पर राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र को पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत गठित किया जाएगा।
शर्मा ने परियोजना की मूल कॉन्सेप्ट और डिजाइन की घोषणा नहीं की। यह घोषणा हालांकि इस समय पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय देख रहे नरेंद्र सिंह तोमर की मौजूदगी में की गई। साल 2019 में, केंद्र सरकार ने पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय को जल संसाधन, नदी विकास और गंगा कायाकल्प मंत्रालय से विलय कर एक नया जल शक्ति मंत्रालय बना दिया।