सुधीर कुमार
सियासी दलों की निगाह चुनाव आयोग की तरफ टिकी है , पता नहीं कब घोषणा हों जाये , मेरी आँखों से नींद गायब है ! आखिर क्योँ न हो, लोकतंत्र का महान पर्व देहडी पर खड़ा है , एक नया इतिहास लिखने के लिए , क्यूंकि ये भारत के इतिहास में पहला समय होगा , जब कोई गैर कांग्रेस सरकार अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा कर दूसरी बार सत्ता पाने को बेताब हो या फिर एक ऐसी सरकार बने, जिसमे किसी भी दल के पास सौ सांसद न हो ! अब आप अंदाज़ा लगा सकते है, कि उस सरकार का जीवन काल कितने माह का होगा , क्यूंकि उस सरकार में पचास से ज्यादा दल होंगें और उसका गार्डियन एक अनुभवहीन खेवैया होगा , राहुल गाँधी !
ममता , माया ,अखिलेश ,तेजस्वी , जगन , नायडू ,सीताराम येचुरी ,स्टालिन ,अजित सिंह,संगमा ,मांझी , उपेन्दर कुशवाहा , संगमा सब दो महीने बाद ताल ठोक रहे होंगे कैबिनेट में जगह पाने और मलाई वाले मंत्रालय पर कब्ज़ा ज़माने के लिए ! उस वक़्त सत्ता से बेदखल बीजेपी शायद सरकार बनने के अगले दिन से ही किसी चौधरी चरण सिंह या चंदशेखर की तलाश में जुट जाएगी क्यूंकि आज की दौड़ में नैतिकता और वो भी राजनीति में अच्छी बात नही है, कुल मिलाकर यही शब्द निकलता है कि गंठजोड़ में ज़ोर नही !