नई दिल्ली : राज्यसभा में गुरुवार को राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (संशोधन) विधेयक-2019 पास हो गया। इस विधेयक के पारित होने पर अध्यापक शिक्षा पाठ्यक्रम संचालित करने वाले कुछ संस्थानों को पूर्व प्रभाव से मान्यता प्रदान देने का जिक्र है।
विधेयक के तहत नए पाठ्यक्रम शुरू करने की अनुमति भी पूर्व प्रभाव से प्रदान की जाएगी।
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) अधिनियम 1993 में संशोधन के लिए यह इस विधेयक लाया गया है।
विधेयक में एनसीटीई की स्थापना के बाद से लेकर अकादमिक वर्ष 2017-18 तक अध्यापक शिक्षा पाठ्यक्रम प्रदान करने वाले संस्थानों को पूर्व प्रभाव से मान्यता प्रदान की गई है।
विधेयक में नए पाठ्यक्रम शुरू करने या निर्धारित शर्तो को पूरा करने वाले संस्थानों को अध्यापक शिक्षा प्रशिक्षण की अनुमति पूर्व प्रभाव से देने का जिक्र है।
मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने विधेयक पर जवाब देते हुए कहा कि पूर्व प्रभाव से अनुमति प्रदान करना आवश्यक था क्योंकि गैर-मान्यता प्राप्त संस्थानों से पाठ्यक्रम पूरा करने वाले हजारों छात्रों की डिग्री को कहीं मान्यता नहीं मिलने से उनका भविष्य खतरे में पड़ जाता।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पिछले तीन साल के दौरान किसी नए बीएड (अध्यापक प्रशिक्षण) महाविद्यालय को कोई मंजूरी प्रदान नहीं की गई है।