प्रदीप शर्मा
बिहार में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अररिया में जनसभा संबोधित करते हुए महागठबंधन पर एक फिर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बिहार की पवित्र भूमि ने ठान लिया है कि इस नए दशक में बिहार को नई ऊंचाई पर पहुंचाएंगे. बिहार के लोगों ने जंगलराज को, डबल-डबल युवराजों को सिरे से नकार दिया है. पीएम मोदी ने कहा कि बिहार वो दिन भूल नहीं सकता, जब चुनाव को इन लोगों ने मजाक बनाकर रख दिया था. इनके लिए चुनाव का मतलब था- चारों तरफ हिंसा, हत्याएं, बूथ कैप्चरिंग।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज NDA के विरोध में जो लोग खड़े हैं, वो इतना कुछ खाने-पीने के बाद अब फिर से बिहार को लालच भरी नजरों से देख रहे हैं, लेकिन बिहार की जनता जानती है कि कौन बिहार के विकास के लिए प्रतिबद्ध है और कौन अपने परिवार के विकास के लिए. उन्होंने कहा, “आज बिहार में अहंकार हार रहा है, परिश्रम फिर जीत रहा है. आज बिहार में घोटाला हार रहा है, लोगों का हक़ फिर जीत रहा है. आज बिहार में गुंडागर्दी हार रही है, कानून का राज वापस लाने वाले फिर जीत रहे हैं.”
उन्होंने कहा, “अगर बिहार में पहले जैसे ही हालात होते, तो सच मानिए, गरीब मां का ये बेटा कभी प्रधानमंत्री नहीं बन पाता, आपका प्रधान सेवक नहीं बन पाता. आज जब गरीब को अपना अधिकार मिला है, तो उसने देश की राजनीति की दिशा तय करने की कमान भी खुद संभाल ली है. बिहार अब उन लोगों को पहचान चुका है, जिनका एकमात्र सपना है कि किसी तरह लोगों को डराकर, अफवाह फैलाकर, लोगों को बांटकर किसी भी तरह से सत्ता हथिया लेना है. इनकी तो बरसों से यही सोच है, इन्होंने यही देखा है, यही समझा है, यही सीखा है।
आयुष्मान भारत योजना का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “मेरा गरीब अब दवाई के बिना, डॉक्टर के बिना, अस्पताल के बिना जिंदगी और मौत के बीच जुझता नहीं रहेगा. सरकार आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीबों के लिए हर साल 5-5 लाख रुपये तक का खर्चा खुद उठा रही है.”
विपक्ष पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा, “बिहार में कहा जाता है- अनकर धन पाईं, त नौ मन तौलाईं. स्वार्थ का भाव ये कि जब दूसरे का पैसा है, तो जितना चाहे खरीदो, क्या फर्क पड़ता है. जब जनता का पैसा है, तो जितना चाहे लूटो. ये लोग जनता के लिए, आपके लिए काम नहीं कर सकते.” उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि झूठ बोलकर कांग्रेस ने देश के लोगों के क्या-क्या सपने दिखाए. चुनाव से पहले कहते थे गरीबी हटाएंगे, किसान का कर्जा माफ करेंगे, टैक्स कम करेंगे. बातें बहुत कीं, लेकिन इतिहास गवाह है, दस्तावेज गवाह हैं कि इन्होंने इसमें से एक भी काम नहीं किया, सिर्फ लोगों को गुमराह किया।