रायगढ़ (महाराष्ट्र) : भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के समुद्र तट पर निर्मित बंगले को यहां प्रशासन ने शुक्रवार को नियंत्रित विस्फोट से ढहा दिया। नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक घोटाले का एक प्रमुख आरोपी है।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि किहिम बीच के नजदीक 33,000 वर्गफुट के बंगले के बाहर व भीतर 100 से ज्यादा डायनामाइट छड़ों को लगाया गया और कड़ी सुरक्षा के बीच पहला विस्फोट सुबह 11.15 बजे किया गया।
कुछ दिनों पहले नियंत्रित विस्फोट के लिए बंगले में विभिन्न स्थानों पर विस्फोटक लगाए गए थे।
पूरी संरचना के गिराए जाने के बाद मजदूर अब मलबे को हटाने का कार्य शुरू करेंगे।
कलेक्टोरट ने 25 जनवरी को पारंपरिक तरीके से बुलडोजर व हाथ के अन्य उपकरणों से बंगले को गिराने की प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन यह एक धीमी प्रक्रिया साबित हुई।
प्र्वतन निदेशालय (ईडी) ने दिसंबर 2018 में इस बंगले को जब्त किया था। बंगले से सभी कीमती सामान, कलाकृतियां, पेंटिंग व दूसरी महंगी वस्तुओं को हटा लिया गया। नियंत्रित विस्फोट के लिए सभी कांच की संरचनाओं को हटा दिया गया।
भगोड़ा नीरव मोदी व उसका संबंधी मेहुल चोकसी व अन्य 14,000 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी मामले में आरोपी हैं।
हालांकि, अलीबाग बंगला सीधे तौर पर पीएनबी घोटाले से नहीं जुड़ा है, लेकिन ईडी ने महाराष्ट्र, गुजरात व अन्य स्थानों की नीरव मोदी की ज्ञात संपत्तियों के साथ इसे बकाए की वसूली के प्रयास के तहत जब्त किया है।
अलीबाग का बंगला 2009-2010 में बना था। 33,000 वर्ग फुट में बने इस बंगले में कई शयनकक्ष थे। इसकी सुरक्षा के लिए कटीले तार की बाड़ लगाई गई थी और इसमें विशाल गेट था। यहां नियमित तौर पर पार्टियां आयोजित होती रहती थीं।
इसे गिराए जाने की प्रक्रिया बंबई उच्च न्यायालय की एक जनहित याचिका पर दिए गए आदेश के बाद शुरू की गई। यह जनहित याचिका एनजीओ शंभूराजे युवा क्रांति (एसवाईके) द्वारा दाखिल की गई थी।
एसवाईके ने अपनी याचिका में रायगढ़ के समुद्र तटों पर ज्वार-भाटा क्षेत्र का उल्लंघन करने वाले विभिन्न अवैध बंगलों, होटलों व रिसॉर्ट के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।