श्रीनगर : कश्मीर में अलगाववादियों पर शिकंजा कसते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मंगलवार को पत्थरबाजी के सरगना मसरत आलम भट, जम्मू एवं कश्मीर डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी के प्रमुख शब्बीर शाह व महिलाओं के अलगाववादी समूह दुख्तारन-ए-मिल्लत की प्रमुख आसिया अंद्राबी को हिरासत में लिया। एनआईए इनसे आतंकी फंडिंग में इनकी भूमिका के बारे में पूछताछ करेगी।
एनआईए जम्मू एवं कश्मीर मुस्लिम लीग के अध्यक्ष भट को सोमवार रात जम्मू एवं कश्मीर की एक जेल से दिल्ली लाई। भट सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत जेल में बंद थे।
भट को मंगलवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राकेश सयाल के समक्ष प्रस्तुत किया गया। सयाल ने भट को एनआईए की दस दिनों की हिरासत में भेज दिया।
भट 2010 से सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत हिरासत में है। उसने विरोध प्रदर्शन शुरू करने व 2010 में पथराव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे आखिरकार घाटी में अशांति फैली, जिसमें 110 प्रदर्शनकारी मारे गए।
अदालत ने भट के साथ शाह व अद्रांबी को आतंकी फंडिंग से जुड़े मामले में 14 जून तक के लिए एनआईए की हिरासत में भेज दिया।
इनकी हिरासत आतंकवादी फंडिंग मामले के संबंध में पूछताछ के लिए मांगी गई थी। इस मामले को एजेंसी ने मई 2017 में दर्ज किया था।
इससे पहले एनआईए ने जेकेएलएफ नेता यासीन मलिक को मामले के संबंध में पूछताछ के लिए यहां लाई थी।
इससे पूर्व के महीनों में एनआईए ने कई अलगाववादी नेताओं को गिरफ्तार किया है। इसमें आफताब हिलाली शाह उर्फ शाहिद-उल-इस्लाम, अयाज अकबर खांडे, फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे, नईम खान, अल्ताफ अहमद शाह, राजा मेहराजुद्दीन कलवाल व बशीर अहमद भट उर्फ पीर सैफुल्लाह शामिल हैं।
अल्ताफ अहमद शाह, हुर्रियत प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी का दामाद है। अल्ताफ जम्मू एवं कश्मीर के पाकिस्तान के साथ विलय की वकालत करता है।
शाहिद-उल-इस्लाम, डार का सहयोगी है और खांडे, गिलानी की अगुवाई वाले हुर्रियत का प्रवक्ता है। कश्मीरी व्यापारी जहूर अहमद शाह वटाली को अगस्त 2017 में गिरफ्तार किया गया।
आतंकवादरोधी एजेंसी ने 18 जनवरी 2018 को 12 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया। इसमें लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद व हिजबुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन शामिल हैं, जो आतंकवादी फंडिंग मामले से जुड़े हैं।
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