इंद्र वशिष्ठ
धर्मार्थ कार्यों के नाम पर देश और दुनिया भर से एकत्र दान की रकम का इस्तेमाल कश्मीर में आतंकवाद और देश विरोधी गतिविधियों में किया जा रहा है। इस सिलसिले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कश्मीर और बेंगलुरु मेंं कई एनजीओ और ट्रस्टों के 11 ठिकानों पर छापेमारी की और तलाशी ली।
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दान से देशद्रोह-
एनआईए की प्रवक्ता डीआईजी सोनिया नारंग ने बताया कि एक पुख्ता सूचना मिली थी कि कुछ कथित गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) और ट्रस्टों द्वारा देश और विदेश से धर्मार्थ कार्यों के नाम पर कथित दान और बिजनेस योगदान के नाम पर पैसा एकत्र किया जा रहा है। लेकिन उस पैसे का इस्तेमाल कश्मीर में आतंकवाद और देश विरोधी /अलगाववादी गतिविधियों के किया जा रहा है। इस सूचना के आधार पर एनआईए ने 8 अक्टूबर को देशद्रोह, आपराधिक साजिश, गैरकानूनी गतिविधियां निरोधक कानून आदि धाराओं के तहत मामला दर्ज किया।
11 ठिकानों पर छापेमारी-
इस सिलसिले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा ऐसे एनजीओ और ट्रस्टों के कश्मीर मेंं श्रीनगर, बांदीपुरा मेंं दस ठिकानों और बेंगलुरु मेंं एक ठिकाने पर छापेमारी की और तलाशी ली। इस सिलसिले में जिनके घरों और दफ्तरों में तलाशी ली गई उनमें शामिल लोग हैं जम्मू कश्मीर कोलेशन ऑफ सिविल सोसायटी के कोआर्डिनेटर खुर्रम परवेज, उनके सहयोगी परवेज़ अहमद बुखारी, परवेज़ अहमद माटा, बेंगलुरु की सहयोगी स्वाति शेषाद्रि, प्रवीना आहंगर, गायब हुए लोगों के अभिभावकों की संस्था (एपीडीपीके) और एनजीओ एथ्राउट , और जी के ट्रस्ट के दफ्तरों पर तलाशी ली गई। एनआईए ने वहां से दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त किए हैं।