संयुक्त राष्ट्र : नाइजीरियाई राजनयिक तिजानी मुहम्मद-बंदे को संयुक्त राष्ट्र की नई महासभा का अगला अध्यक्ष चुना गया है और उनका कहना है कि वह सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए वार्ता में तेजी लाने का प्रयास करेंगे।
संयुक्त राष्ट्र में नाइजीरिया के स्थायी प्रतिनिधि ने महासभा द्वारा सर्वसम्मति से चुने जाने के बाद पत्रकारों से कहा, हम निष्पक्षता की भावना से उन वार्ताओं में तेजी लाने की कोशिश करेंगेऔर इस भावना के साथ करेंगे कि संयुक्त राष्ट्र स्थापना के 75 साल बाद भी वह भाषा बोलना जारी नहीं रख सकता है, जो यह 50 या 70 साल पहले बोला करता था।
उन्होंने कहा, परिषद में सुधार के लिए इंटरगवर्नमेंटल नेगोशिएशन प्रक्रिया उतनी तेजी से नहीं चली है, जितना कि हम चाहते हैं। लेकिन कुछ चीजें स्पष्ट हैं : कोई भी प्रतिनिधिमंडल सुरक्षा परिषद में सुधार के बिना इसे जारी रखना उचित नहीं समझता है।
भारत ने परिषद में सुधार के लिए भारी निवेश किया है, क्योंकि वह सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने का इच्छुक है।
अफ्रीका, जो संयुक्त राष्ट्र में सबसे बड़ा समूह है और जहां परिषद के अधिकांश शांति अभियान चल रहे हैं, वह भी इसमें जल्द सुधार चाहता है, ताकि इसे स्थायी सदस्यों के रैंक के बीच पेश किया जा सके।
मुहम्मद-बंदे ने कहा, (अफ्रीकी) महाद्वीप के लिए सर्वसम्मति है, लेकिन सुरक्षा परिषद में सुधार केवल एक समूह के लिए नहीं है। यह एक सर्वसम्मत तत्व है, जिसमें सदस्य राष्ट्र शामिल हैं। हम इसे आगे भी जारी रखेंगे।
अफ्रीकन यूनियन द्वारा समर्थित मुहम्मद-बंदे, इक्वाडोर की मारिया फर्नांडा एस्पिनोसा की उस समय जगह लेंगे, जब सितंबर में विधानसभा का 74वां सत्र शुरू होगा।
भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने उन्हें बधाई देते हुए ट्वीट किया, भारत का एक दोस्त संयुक्त राष्ट्र महासभा के अगले अध्यक्ष के रूप में चुना गया है।
चुने जाने के तुरंत बाद महासभा में मुहम्मद-बंदे ने कहा कि वह गरीबी, भूखमरी को खत्म करने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व जलवायु परिवर्तन जैसे विषय को प्राथमिकता देंगे।