प्रदीप शर्मा
नौ साल बाद भी सीबीआई के अफसर अगस्ता वेस्टलैंड चॉपर डील में 3,727 करोड़ रुपये की मनी ट्रेल का पीछा कर रहे हैं। ताजा रिपोर्ट बताती है कि सीबीआई का फोकस उन नेताओं और अफसरों पर है जिन्हें इस डील से फायदा हुआ। पिछले महीने सीबीआई ने एक सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की जिसमें पूर्व डिफेंस सेक्रेटरी शशिकांत शर्मा और भारतीय वायुसेना के चार अफसरों पर कथित रूप से 2010 में अगस्ता वेस्टलैंड को फेवर करने का आरोप लगाया है। सीबीआई इस मामले में दो चार्जशीट पहले ही दायर कर चुकी है। सितंबर 2017 की पहली चार्जशीट में पूर्व IAF चीफ एसपी त्यागी, उनके कजंस और बिचौलिए क्रिश्चन मिशेल जेम्स का नाम था। सितंबर 2020 की दूसरी चार्जशीट बिचौलिए राजीव सक्सेना व घूस में मदद करने वाली अन्य कंपनियों के खिलाफ थी। आइए समझते हैं कि VVIP हेलिकॉप्टर्स की खरीद में घोटाले का यह पूरा मामला क्या है।
मामला यूपीए-2 के दौरान VVIP हेलिकॉप्टर की खरीद से जुड़ा है। ये हेलिकॉप्टर्स प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति और रक्षा मंत्री जैसे अतिविशिष्ट लोगों के आवागमन के लिए इस्तेमाल होने के उद्देश्य से खरीदे गए। भारत ने 12 अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर्स खरीदने के लिए 3,700+ करोड़ रुपये का सौदा किया था। आरोप है कि सौदा कंपनी के पक्ष में हो, इसके लिए ‘बिचौलियों’ को घूस दी गई जिनमें राजनेता और अधिकारी भी शामिल थे। आरोप है कि कई नियमों से छेड़छाड़ कर कंपनी का रास्ता साफ किया गया। सीबीआई सौदे को अगस्ता वेस्टलैंड के पक्ष में करने की खातिर दिए गए रुपयों के लेनदेन की जांच कर रही है।
हिंदुस्तान टाइम्स ने जाचंकर्ताओं के हवाले से लिखा है कि ‘हमारी जांच अब सरकार में फायदा पाने वालों तक पहुंच रही मनी ट्रेल पर है।’ घूस किन्हें मिली, यह पता लगाने में सीबीआई को नौ साल क्यों लग गए, इसपर अधिकारी ने कहा कि ‘हमने पहली दो चार्जशीट्स में ही कंपनियों के जरिए हुए ट्रांसफर्स की डीटेल्स दे दी थीं। बहुत सारी घूस कथित तौर पर कैश में दी गई, जिसकी पुष्टि करने में समय लगता है।’ आरोप है कि दो बिचौलियों – क्रिश्चन मिशेल और गाइडो हाशके नाम के दो बिचौलियों के जरिए 67 मिलियन यूरो (552 करोड़ रुपये) की घूस दी जानी थी। दोनों बिचौलिए तिहाड़ जेल में बंद हैं।