नई दिल्ली : देश के आर्थिक सर्वेक्षण 2018-19 में कहा गया है कि नॉन परफॉर्मिग संपत्ति (एनपीए) अनुपात में गिरावट दर्ज की गई है, जबकि ऋण वृद्धि में तेजी आई है।
वित्त एवं कार्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश की गई सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का प्रदर्शन विशेष रूप से 2018-19 में बेहतर हुआ है। सर्वेक्षण में कहा गया कि मार्च 2018 और दिसंबर 2018 के बीच वाणिज्यिक बैंकों का सकल एनपीए अनुपात 11.5 प्रतिशत से घटकर 10.1 प्रतिशत रह गया है।
इसके अलावा आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि दिवालियेपन के लिए पारिस्थितिक तंत्र व्यवस्थित रूप से बनाया गया है, जो संकटग्रस्त संपत्तियों की वसूली और उनके समाधान के साथ ही बेहतर व्यवसाय में सुधार के लिए बनाया गया है।
सर्वेक्षण के अनुसार, कॉर्पोरेट दिवालियापन समाधान की प्रक्रिया के तहत 31 मार्च, 2019 तक कुल 94 मामलों में कुल 1,73,359 करोड़ रुपये के दावों का निपटारा किया गया है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अनुसार, गैर निष्पादित खातों से कुल 50 हजार करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं।