नई दिल्ली : राष्ट्रमंडल खेलों के कांस्य पदक विजेता भारतीय निशानेबाज रवि कुमार को उम्मीद है कि अंतर्राष्ट्रीय निशानेबाजी महासंघ (आईएसएसएफ) विश्च कप में वह ओलम्पिक कोटा हासिल करने में सफल होंगे। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि ओलम्पिक कोटा हासिल करना टोक्यो ओलम्पिक में भाग लेने की गारंटी नहीं देती।
रवि का मानना है कि भारतीय टीम इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
रवि ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, कोटा देश को मिलता है। यदि मैं ओलम्पिक कोटा हासिल करता हूं और एक साल बाद मेरा प्रदर्शन अच्छा नहीं रहता है तो मैं इसमें भाग नहीं ले सकता।
उन्होंने कहा, देश को पदक की जरूरत होती है क्योंकि वह हम पर बहुत खर्च करता है। अगर एक साल बाद मेरा कोई सीनियर या जूनियर शानदार फॉर्म में है तो वह ओलम्पिक के लिए जाएगा।
गौरतलब है कि इस साल के पहले विश्व कप में टोक्यो-2020 ओलम्पिक के लिए 16 ओलम्पिक कोटा निर्धारित हैं। भारत ने पिछले साल दो कोटा हासिल किए थे।
रवि 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में भाग लेते हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ग में मुकाबला आसान नहीं होगा क्योंकि क्योंकि इसमें दुनिया भर के निशानेबाज भी शामिल हैं।
भारतीय निशानेबाज ने कहा, इस स्पर्धा में प्रतिस्पर्धा बहुत कठिन है। इस वर्ग में पीटर सिदी, इस्तवान पेनी और कुछ अन्य ओलंपिक चैंपियन जैसे निशानेबाज भी हैं। हालांकि, यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि किस्मत किसके साथ और कौन उस दिन अच्छा प्रदर्शन करता है।
उन्होंने कहा कि जब वह खराब दौर से गुजर रहे थे तो दिग्गज अभिनव बिंद्रा ने उनकी बहुत मददद की। रवि, बिंद्रा, संजीव राजपूत ने इससे पहले 2014 इंचियोन एशियाई खेलों में पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल टीम स्पर्धा में भारत के लिए कांस्य जीता था।
रवि ने कहा, उन्होंने (बिंद्रा) ने मेरी बहुत मदद की है। हम 2014 में संपर्क में आए थे और अगले साल ही मेरे फॉर्म में गिरावट आ गई। बिंद्रा ने मुझे व्यक्तिगत रूप से प्रेरित किया। उन्होंने मुझे चंडीगढ़ में अपने घर पर बुलाया और अपने घर पर मुझे ट्रेंनिग दी। इसके बाद मैंने छह महीने के अंदर ही अपना फॉर्म वापस पा लिया।
उन्होंने कहा, जब उनके जैसे लोग हमारी समर्थन करते हैं, तो इससे हमें कठिन ट्रेनिंग करने और बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहन मिलता है।