मनमोहन ने विपक्षी पार्टियों से आग्रह करते हुए कहा,वर्तमान सरकार का विरोध करने वाले दलों को अपने मतभेदों को भूलना चाहिए और देश की एकता और धर्मनिरपेक्षता की पहचान को बनाए रखने के लिए एक साथ आना चाहिए। हमें एकता के सामूहिक लाभ को साबित करने की आवश्यकता है।
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ पूर्व प्रधानमंत्री राजघाट से शुरू हुए विरोध मार्च में शामिल हुए और रामलीला मैदान पहुंचे।
यह मार्च भारत बंद का हिस्सा है।
पूर्व प्रधानमंत्री ने सरकार के विरोध में कांग्रेस का साथ दे रही लगभग 20 राजनीतिक विपक्षी दलों की उपस्थिति को सराहा।
उन्होंने कहा कि अगले साल आम चुनावों से पहले यह एक महत्वपूर्ण क्षण है और हमें इस (एकता) का लाभ उठाना चाहिए और देश में एक आंदोलन शुरू करना चाहिए।
विरोध प्रदर्शन को कांग्रेस और वामपंथी दलों द्वारा पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों के खिलाफ बुलाया गया था।
विरोध प्रदर्शन जनता दल-सेक्युलर, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, लोकतंत्रिक जनता दल, राष्ट्रीय लोक दल, ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी और आम आदमी पार्टी सहित कई विपक्षी दलों द्वारा समर्थित है।