तिरवनंतपुरम : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी दोनों ने एक साथ केरल में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। ऐसे में दोनों दलों के कार्यकर्ताओं ने अपने नेताओं के इस दौरे को अपने-अपने अलग अंदाज में लिया।
गांधी के तीन दिवसीय दौरे का मकसद केरल में स्थानीय निकाय और विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की योजना को एक शुरुआत देना रहा है, वहीं मोदी ने लोकसभा चुनाव बाद राज्य का दौरा गुरुवयूर के श्री कृष्ण मंदिर में दर्शन के लिए किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ लोगों को आश्चर्य होगा कि उन्होंने इस दक्षिण राज्य को अपने पहले दौरे के लिए क्यों चुना, जबकि यहां भाजपा का खाता तक नहीं खुल पाया। मोदी ने कहा, लेकिन एक निर्वाचित नेता सभी का होता है। मैं अपने देशवासियों के बीच कोई भेद नहीं रखता। मेरे लिए केरल के लोग उतने ही अपने हैं, जितने वाराणसी के लोग।
मोदी ने इसके पहले 2008 में गुरुवयूर के दर्शन किए थे, जब उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री के दूसरे कार्यकाल के लिए जीत दर्ज की थी।
गुरुवयूर मंदिर में दर्शन-पूजन के बाद मोदी ने मंदिर मैदान के पास एक रैली को संबोधित किया। हजारों की संख्या में भाजपा कार्यकर्ता रैली में जमा हुए।
युवाओं के एम समूह ने कहा, हम प्रधानमंत्री को सुनने के लिए जगह पाने के लिए सुबह आठ बजे ही आ गए थे।
भाजपा कार्यकर्ता श्रीधरन पिल्लई मोदी की रैली में हिस्सा लेने त्रिसूर से आए थे। उन्होंने कहा, जो वह कह रहे हैं सही है। मोदी के बीते पांच साल को देखिए- उन्होंने पूरे देश को एक दृष्टि से देखा। उन्होंने राज्यों के बीच फर्क नहीं किया।
भाजपा जहां केरल में खाता नहीं खोल सकी, वहीं कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ ने 20 लोकसभा सीटों में से 19 पर जीत दर्ज की। माकपा सिर्फ एक सीट जीत पाई।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस बीच वायनाड के मतदाताओं को धन्यवाद देने के लिए एक रोडशो किया।
रोडशो के बाद अपने भाषण में गांधी ने आक्रामक अंदाज में कहा, मोदी ने झूठ और घृणा फैलाकर जीत हासिल की, लेकिन कांग्रेस सच्चाई, प्यार और लगाव से उनका मुकाबला करेगी।
लोगों ने अपने नए सांसद की एक झलक पाने के लिए घंटों तक इंतजार किया।