मिर्जापुर (उत्तर प्रदेश) :कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने यहां शनिवार को 24 घंटे के बाद अपने धरने को समाप्त किया और दिल्ली के लिए रवाना हो गईं।
प्रियंका ने यहां लोगों और पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, मैं वापस दिल्ली जा रही हूं क्योंकि पीड़ित परिवार से मिलने का मेरा उद्देश्य पूरा हो गया है। लेकिन मैं जल्दी ही वापस आऊंगी। मैं अपने भाई राहुल गांधी के निर्देशों के अनुसार यहां आई थी।
वह काशी विश्वनाथ मंदिर और वाराणसी के काल भैरव मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद दिल्ली लौटेंगी।
मिर्जापुर के जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) अनुराग पटेल ने शनिवार को यू-टर्न लिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता जाने के लिए स्वतंत्र हैं क्योंकि उन्हें न तो हिरासत में लिया गया है और न ही गिरफ्तार किया गया है।
डीएम ने शुक्रवार रात प्रियंका को 50 हजार रुपये का निजी बॉन्ड देने को कहा, ताकि वह वहां से जा सकें।
सोनभद्र में बुधवार को भूमि विवाद को लेकर हुई झड़पों में 10 लोग मारे गए थे। प्रियंका पीड़ितों के परिवार के सदस्यों से मिलना चाहतीं थीं, लेकिन प्रशासन ने उन्हें रोका दिया और वह विरोध दर्ज करने के लिए धरने पर बैठ गईं।
इसके बाद शनिवार सुबह प्रियंका पीड़ितों के परिवार के सदस्यों से मिलीं, जो उनसे मिलने के लिए चुनार के गेस्ट हाउस में आए।
उन्होंने पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया। प्रियंका ने वादा किया कि वह जल्द वापस लौटेंगी।
प्रियंका ने कहा कि कांग्रेस पार्टी मारे गए लोगों के परिवार को दस-दस लाख रुपये देगी।
उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार के सामने पांच मांगे भी रखीं : पीड़ितों के परिवार को 25-25 लाख रुपये की मदद दी जाए, सोनभद्र मामले में सुनवाई के लिए फास्ट-ट्रैक ट्रायल हो, आदिवासियों के लिए भूमि दी जाए, प्रभावित परिवारों को सुरक्षा प्रदान की जाए और गांव के लोगों के खिलाफ जमीन के झगड़े को लेकर लगाए गए मामलों को वापस लिया जाए।
इससे पहले सोनभद्र जाने की इच्छा रखने वाले कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं को पुलिस ने वाराणसी के हवाई अड्डे पर हिरासत में ले लिया था। तृणमूल कांग्रेस के तीन सदस्य को भी हवाई अड्डे पर हिरासत में लिया गया।