नई दिल्ली : भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) ने बुधवार को एक रिपोर्ट में कहा है कि रक्षा करारों के पूरा होने में हुए असामान्य विलंब को देखते हुए फ्रांस से 36 राफेल विमान खरीद का सौदा रिकॉर्ड कम समय में पूरा हुआ।
कैग ने कहा कि सौदा पूरा करने के लिए खरीद नियमों में तीन साल की अवधि निर्धारित है। लेकिन इस अवधि के मुकाबले वायुसेना के 11 परीक्षित अनुबंधों में से चार अनुबंधों में तीन साल से अधिक वक्त लग गया और सात मामले पांच साल से अधिक समय लगा।
लेकिन फ्रांस से 36 राफेल जेट विमान खरीदने का अंतर-सरकारी करार (आईजीए) सबसे कम 24 महीने में पूरा हुआ, जबकि 126 मीडियम मल्टी रोल कांबैट एयरक्राफ्ट (एमएमआरसीए) का सौदा 180 महीनों से लटका रहा।
कैग ने कहा कि अधिग्रहण की प्रक्रिया प्रभावी तरीके से भारतीय वायुसेना के संचालन तत्परता व आधुनिकीकरण के पक्ष में नहीं हो सकी।