प्रदीप शर्मा
राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बीजेपी के हाथ संजीवनी लग गई है. संसद में अब तक बैकफुट पर दिख रही बीजेपी फैसले के बाद से विपक्ष और मुख्य तौर पर कांग्रेस पर पलटवार करने पर उतर आई है. शुक्रवार को संसद में राफेल पर जोरदार हंगामा हुआ और दोनों सदनों का कामकाज बाधित रहा। अब तक इस डील को लेकर संसद में विपक्षी दल सरकार पर हमलावर थे, लेकिन फैसले के बाद से बीजेपी और केंद्र सरकार को पलटवार का मौका मिल गया है. पिछले दिनों सदन की कई बैठकें इस डील पर हुए हंगामे की भेंट चढ़ चुकी हैं और फिर से राफेल डील संसद में गतिरोध की बड़ी वजह बन गई है।
पहले लोकसभा में बीजेपी सांसदों की ओर से कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ नारेबाजी की गई. बीजेपी सांसदों ने ‘राहुल गांधी माफी मांगो’ के नारे लगाए. उधर, विपक्षी दल भी अपने-अपने मुद्दों को लेकर वेल में आकर विरोध प्रदर्शन करने लगे. कांग्रेस समेत विपक्ष दलों की मांग है कि संयुक्त संसदीय समिति से राफेल डील की जांच कराई जाए। लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा है कि अगर विपक्ष चर्चा के लिए तैयार है तो वह राफेल डील पर चर्चा की इजाजत दे सकती हैं. हालांकि, हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी राफेल डील को लेकर सीधे-सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाते आए हैं. कांग्रेस का आरोप है कि इस डील में भ्रष्टाचार हुआ है और प्रधानमंत्री मोदी इसके लिए जिम्मेदार हैं. कोर्ट के फैसले के बाद बीजेपी का कहना है कि राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को बदनाम करने की कोशिश की और देश को राफेल डील में भ्रष्टाचार के नाम पर गुमराह किया है, जिसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए।
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल डील पर देश को गुमराह करने की कोशिश की है और उन्हें सदन से, पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए. राजनाथ ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने अतंरराष्ट्रीय जगत में देश की छवि धूमिल करने की कोशिश की है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए राजनाथ ने कहा है कि राफेल डील पर कोई सवाल नहीं खड़ा किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप रहे हैं और इनके मंत्रियों को तो जेल तक जाना पड़ा है. इसीलिए कांग्रेस ने सरकार की छवि खराब करने की कोशिश और अब कांग्रेस पार्टी और उनके अध्यक्ष को सदन में आकर देश से माफी मांगनी चाहिए।