नई दिल्ली : दिल्ली में अब गर्भस्थ शिशु का लिंग परीक्षण करने की सूचना देने वालों को पुरस्कार मिलेगा। गर्भस्थ शिशु का लिंग परीक्षण अवैध है, इसलिए इसकी सूचना देने वालों को दिल्ली सरकार ने पुरस्कार देने का फैसला किया है।
शिशु लिंगानुपात में सुधार लाने के मकसद से दिल्ली सरकार ने बुधवार को सूचनादाताओं को 1.5 लाख रुपये का पुरस्कार देने की एक योजना को मंजूरी प्रदान की।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रस्तावित इन्फोरमर रिवार्ड स्कीम को मंजूरी प्रदान की।
सरकार ने कहा कि यह योजना पूर्व गर्भाधान और पूर्व प्रसव निदान तकनीक अधिनियम (पीसी व पीएनडीटी) 1994 के तहत होगी।
योजना के तहत 50,000 रुपये अपंजीकृत या पंजीकृत केंद्र/मशीन और पीसी व पीएनडीटी कानून तोड़ने वालों के बारे में सूचना देने के लिए प्रदान किए जाएंगे। यह राशि प्रलोभन अभियान के सफलतापूर्वक पूरा होने पर दी जाएगी।
अभियान के सफलतापूर्वक पूरे होने पर प्रलोभन देने वाली गर्भवती महिला (प्रलोभन देने वाली ग्राहक) को 1.5 लाख रुपये का प्रोत्साहन दिया जाएगा।
गर्भवती महिला या प्रलोभन देने वाली मरीज को यह राशि दो किस्तों में दी जाएगी।
पहली किस्त में 50,000 रुपये अभियान के सफलतापूर्वक पूरे होने पर और एक लाख रुपये की दूसरी किस्त अदालत में बयान पूरे होने के बाद दी जाएगी।
प्रलोभन के अभियान के विफल होने की सूरत में प्रलोभन देने वाली मरीज को 50,000 रुपये की भरपाई उसके प्रयासों, समय व योजना की सफलता के लिए की जाएगी।
किसी भी रूप में प्रलोभन के अभियान के असफल होने पर सूचनादाता को इसकी भरपाई नहीं करनी होगी।
इस योजना का उद्देश्य पीसी और पीएनडीटी कानून के दायरे में लिंग चयन करवाकर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से गर्भपात/गर्भाधान से जुड़ी गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करके शिशु लिंगानुपात में सुधार लाना है।
मंत्रिमंडल ने इसके लिए जागरूकता पैदा करने और सिविल सोसायटी को शामिल करके पीसी और पीएनडीटी के दुरुपयोग को प्रभावी तरीके से रोकने को भी मंजूरी प्रदान की।
–आईएएनएस