एजेंसीज / प्रदीप शर्मा
यूक्रेन पर रूस के हमले का आज दूसरा दिन है। आज रूस की तरफ से हमलों की इंटेसिटी काफी बढ़ गई है। सुबह से यूक्रेन की राजधानी कीव में 7 बड़े धमाके सुने गए हैं। शहर में एक के बाद मिसाइलों से हमले हो रहे हैं। लोग घरों में दुबके हुए हैं। खाने-पीने से लेकर जरूरत की और भी चीजों की कमी के बावजूद लोग घरों से नहीं निकल रहे हैं।
शुक्रवार सुबह ही यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने बयान भी जारी किया। उन्होंने कहा कि दुनिया ने हमें जंग में लड़ने के लिए अकेला छोड़ दिया है। उन्होंने बताया कि वे कीव में हैं और वहां रूसी सेना दाखिल हो गई है। उन्होंने यह भी कहा कि इन रूसियों का पहला टारगेट वही हैं और दूसरा टारगेट उनकी फैमिली है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के पूरी सेना को युद्ध में उतारने का ऐलान किया है। इसके लिए यूक्रेन सरकार ने 18 से 60 साल के यूक्रेनी पुरुषों के देश छोड़ने पर रोक लगा दी है। कुछ रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि यूक्रेन ने अपने 10 हजार नागरिकों को मुकाबले के लिए राइफलें दी हैं।
यूक्रेन पर हमला के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को दुनिया के साथ घरेलू नाराजगी का भी सामना करना पड़ रहा है। यूक्रेन पर हमले के विरोध में रूस के दर्जनों शहर में प्रदर्शनकारियों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बाद 1700 लोगों को हिरासत में लिया गया है। वर्ल्ड बैंक यूक्रेन को आर्थिक मदद देने को तैयार हो गया है।
अमेरिका ने भी गुरुवार को ऐलान किया है कि वह यूरोप में 7000 एक्स्ट्रा फोर्सेस की तैनाती कर रहा है। अमेरिका रक्षा विभाग पेंटागन ने बताया- रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने नाटो सहयोगियों को भरोसा दिलाने के लिए जर्मनी में सैनिकों की तैनाती का आदेश दिया है।
अमेरिका रूस को भी संदेश देना चाहता है कि अगर उसने नाटो देशों के तरफ नजर उठाई तो वह जवाबी कार्रवाई करने में कोई संकोच नहीं करेगा। रूस ने कल यूक्रेन के चेर्नोबिल एटमी प्लांट पर भी कब्जा कर लिया था। आज इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी ने बताया कि यूक्रेन का परमाणु संयंत्र सुरक्षित रूप से चल रहे हैं, चेर्नोबिल में कोई नुकसान नहीं हुआ है।
रूस की आक्रामक कार्रवाई के बाद अमेरिका ने वाशिंगटन में रूसी एम्बेसी में तैनात हाई लेबल डिप्लोमैट को अपने देश से निकाल दिया है। हालांकि, फॉरेन डिपार्टेमेंट के एक सीनियर ऑफिसर ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि डिप्लोमैट को यूक्रेन हमले के वजह से बाहर नहीं निकाला गया है।
रूसी राष्ट्रपति के खिलाफ गुरुवार को न्यूयॉर्क में मार्च निकाला गया। हजारों लोगों ने मैनहट्टन की सड़कों पर यूक्रेनी फ्लैग लपेटकर और तख्तियां हाथ में लेकर विरोध प्रदर्शन किया। वहीं, अमेरिका शुक्रवार यानी आज रूसी हमले की निंदा और यूक्रेन से रूसी फोर्सेस की वापसी के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव पर मतदान करवा सकता है।
क्रेमलिन का कहना है कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को फोन किया। क्रेमलिन के मुताबिक, मैक्रों और पुतिन में यूक्रेन मसले को लेकर गंभीर चर्चा हुई, रूसी राष्ट्रपति ने फ्रांस को हमले की वजह और हालातों के बारे में बताया। बीते दिन पुतिन ने भारत, पाकिस्तान, ईरान और फ्रांस के राष्ट्राध्यक्षों से बात की।