लोकराज डेस्क
केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर संग्राम जारी है. सबरीमाला मंदिर के आसपास एक तरफ सुप्रीम कोर्ट का आदेश और उसको मानने वाले समर्थक हैं तो दूसरी तरफ फैसले का विरोध करने वाले रूढ़िवादी परंपराओं के पक्षधर. तनाव को देखते हुए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किये गए हैं. मंदिर जाने के मुख्य रास्ते निलक्कल में सुबह से माहौल तनावपूर्ण है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आज सबरीमाला के अयप्पा मंदिर का द्वार खुल रहा है।
अब तक सबरीमाला में 10-50 साल की महिलाओं के प्रवेश की इजाजत नहीं थी. सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर को इसे असंवैधानिक करार दिया था और कहा था कि महिलाओं का मंदिर में प्रवेश न मिलना उनके मौलिक और संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है।
शाम 5 बजे सबरीमाला मंदिर के द्वार खुल चुके हैं और श्रद्धालु आज रात 10:30 बजे तक वहां पूजा कर सकते हैं. इसके अलावा मंदिर के द्वार 22 अक्टूबर तक खुले रहेंगे।
सबरीमाला की ओर जाने वाले रास्ते पर पुलिस और प्रदर्शनकारियो के बीच पत्थरबाज़ी और लाठीचार्ज हुआ है. पुलिस ने लाठीचार्ज किया और प्रदर्शनकारियो ने पत्थर फेंके हैं. कई पुलिसकारी और प्रदर्थनकारी घायल हो गए हैं।
केरल की मंत्री केके शैलजा ने कहा कि मैं बता सकती हूं कि वहां क्या हो रहा है, मेरे विचार से ये अंतर्राष्ट्रीय है. प्रदर्शनकारी गंदी राजनीति के तहत ये सब कर रहे हैं. हम ये नहीं बता सकते हैं कि वो वास्तविक श्रद्धालु हैं या नहीं. सुप्रीम कोर्ट का आदेश संवैधानिक है और सरकार इसे मानने के लिए बाध्य है।