नई दिल्ली : यहां की एक अदालत ने अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे से संबंधित मामले में सह आरोपी राजीव सक्सेना को प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) की चार दिनों की हिरासत में भेजा है। सक्सेना और कॉरपोरेट लॉबिस्ट दीपक तलवार को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से गुरुवार तड़के भारत लाया गया था।
उसके प्रत्यर्पण के कई घंटों के बाद, दुबई के व्यापारी सक्सेना को पटियाला हाउस अदालत के विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार के समक्ष पेश किया गया, जहां उसे 3600 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे मामले में घूस देने के लिए प्राप्त रुपये का धनशोधन करने की भूमिका के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया गया।
ईडी ने अदालत को सक्सेना को सभी मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है।
एजेंसी ने हालांकि सक्सेना की आठ दिन की हिरासत की मांग की थी, लेकिन अदालत ने केवल चार दिनों की हिरासत मंजूर की। सक्सेना को ईडी टीम से पूछताछ के बाद अदालत के समक्ष पेश किया गया।
सक्सेना को कथित तौर पर यूएई के सुरक्षा अधिकारियों ने बुधवार सुबह उनके घर से उठाया और रात को कॉरपोरेट लॉबिस्ट दीपक तलवार के साथ भारत को प्रत्यर्पित कर दिया गया। दोनों को गुरुवार तड़के विशेष विमान से इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे लाया गया।
सूत्रों के अनुसार, दोनों आरोपियों को दुबई से दिल्ली लाए जाने के दौरान विमान में एक महानिरीक्षक रैंक के अधिकारी की अगुवाई में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की दो सदस्यीय टीम और विदेश मंत्रालय व रॉ के अधिकारी साथ थे।
सक्सेना के मामले में, ईडी ने अपने पूरक आरोपपत्र में बताया कि कैसे अगस्टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे को तय करने के लिए घूस की राशि को काल्पनिक बिल का निर्माण करके साफ-सुथरे पैसे के रूप में पेश किया गया।
इससे पहले दिल्ली की एक अदालत ने यह जानकर कि सक्सेना लगातार समन के बावजूद जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं, उसके विरुद्ध गैर-जमानती वारंट जारी किया था।
सक्सेना का नाम उसकी पत्नी शिवानी के खिलाफ दायर आरोपपत्र में वर्णित था, जो कि निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद जमानत पर बाहर है।