प्रदीप शर्मा
दिवाली से पहले पटाखों की बिक्री को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया. सर्वोच्च अदालत ने देश में कुछ शर्तों के साथ पटाखा बिक्री को मंजूरी दे दी है. कोर्ट ने कहा है कि कोशिश की जाए कि कम प्रदूषण वाले पटाखों का इस्तेमाल हो ताकि पर्यावरण को कोई नुकसान ना पहुंच पाए। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद साफ है कि इस दिवाली पर देश में पटाखों की गूंज जरूर सुनाई देगी और लोग धमाकेदार अंदाज में दिवाली मना पाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने पटाखा फोड़ने के लिए समयसारिणी जारी कर दी है. सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, दिवाली पर लोग रात 8 बजे से 10 बजे तक, क्रिसमस और न्यू ईयर पर रात 11.45 बजे से 12.15 बजे तक ही पटाखे जला पाएंगे. इसके अलावा कोई भी विक्रेता ऑनलाइन पटाखे नहीं बेच पाएगा। दिवाली पर पटाखों वाली लड़ियां नहीं जलाई जा सकेंगी। इसकी बिक्री पर भी रोक लगी है। और कोर्ट ने साफ़ कहा है की निर्देशों का पालन करवाने की जिम्मेदारी हर इलाके के SHO की होगी। उल्लंघन पर अवमानना का केस SHO पर चलेगा।
जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच ने बीते 28 अगस्त को इस मसले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट ने इस मामले में याचिकाकर्ताओं के अलावा पटाखा व्यापारी, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड समेत एनजीओ के पक्ष जाने थे. बेंच ने सुनवाई के दौरान अपनी टिप्पणी में कहा था कि स्वास्थ्य के अधिकार और व्यापार में सामंजस्य बैठाने की जरुरत है।
इससे पहले पिछले साल कोर्ट ने प्रदूषण के मद्देनजर दिवाली से पहले दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी थी. दिवाली से ठीक पहले 9 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिबंध लगाते हुए अपने आदेश में यह भी कहा था कि कुछ शर्तों के साथ पटाखों की बिक्री एक नवंबर, 2017 यानी दिवाली गुजर जाने के बाद फिर से की जा सकेगी।