नई दिल्ली : ईरान से तेल आयात करने की अमेरिका से भारत को मिली छूट समाप्त होने के एक महीने बाद नरेंद्र मोदी सरकार के शीर्ष मंत्रियों ने यहां मंगलवार को एक बैठक की। समझा जाता है कि बैठक के दौरान इस स्थिति से निपटने के तरीकों पर विचार किया गया।
40 मिनट तक चली बैठक की अध्यक्षता गृहमंत्री अमित शाह ने की और इसमें वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण, विदेशमंत्री एस. जयशंकर, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेद्र प्रधान और रेल व वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने हिस्सा लिया।
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत भी बैठक में उपस्थित थे। एक सूत्र ने कहा कि बैठक पेट्रोलियम के मुद्दे पर थी, लेकिन उसने विवरण बताने से इनकार कर दिया। हालांकि समझा जाता है कि चर्चा इस बारे में हुई कि ईरान से तेल आयात की अमेरिकी छूट समाप्त होने के बाद क्या कदम उठाए जाने चाहिए।
अमेरिका ने अप्रैल में घोषणा की थी कि पिछले वर्ष नवंबर में भारत और सात अन्य देशों को ईरान से तेल आायात के लिए 180 दिनों की दी गई छूट की अवधि वह नहीं बढ़ाएगा। इसके साथ ही छूट की समय सीमा दो मई को समाप्त हो गई।
इस निर्णय से भारत में ऊर्जा जरूरतों के लिहाज से एक कठिन स्थिति पैदा हो सकती है, क्योंकि ईरान देश के तेल आयात का एक शीर्ष स्रोत है।
अमेरिकी निर्णय लागू होने के दो सप्ताह बाद ईरानी विदेशमंत्री मोहम्मद जवाद जारिफ भारत आए थे और उन्होंने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की थी। जारिफ के साथ मुलाकात के बाद सुषमा ने कहा था कि भारत के तेल आयात पर निर्णय चुनाव बाद भारत की वाणिज्यिक जरूरतों, ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक हितों को ध्यान में रखकर लिया जाएगा।