प्रदीप शर्मा
लॉकडाउन को लेकर कांग्रेस की ओर से पीएम मोदी और सरकार पर अब तक का सबसे बड़ा हमला हुआ है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को मोदी सरकार की कामिआ बताते हुए हमला बोला। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ सोशल मीडिया पर पार्टी के स्पीक अप इंडिया अभियान की शुरुआत करते हुए मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। सोनिया ने कहा कि कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण गरीबों का बुरा हाल है लेकिन सरकार उन पर कोई ध्यान नहीं दे रही है।
उन्होंने कहा, ‘देश विभाजन के बाद की सबसे बड़ी त्रासदी से गुजर रहा है। गरीब, मजदूर छोटे कारोबारी और किसान परेशान हैं। देश मे हर व्यक्ति उनकी पीड़ा को महसूस कर रहा है। लेकिन सरकार को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। हमने बार-बार सरकार को चेताया लेकिन सरकार समझने को तैयार नहीं है। इसलिए कांग्रेस ने भारत की आवाज बुलंद करने का सामाजिक बीड़ा उठाया है। सरकार को तुरंत खजाने का ताला खोलना चाहिए और गरीबों को राहत देनी चाहिए।’
उन्होंने कहा कि हर गरीब के बैंक खाते में अगले 6 महीने तक हर महीने 7500 रुपये डाले जाने चाहिए। मनरेगा के तहत साल में 100 दिन के बजाय 200 दिन काम दिया जाए। एमएसएमई क्षेत्र के लिए तुरंत एक पैकेज घोषित किया जाए। साथ ही सरकार मजदूरों को उनके घर लौटाने के लिए इंतजाम करे।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ये मांग दोहराते हुए कहा कि कोरोना की सबसे ज्यादा मांग गरीबों पर पड़ी है। उन्होंने कहा, ‘मजदूरों को हजारों किमी पैदल भूखा-प्यासा चलना पड़ रहा है। देश को भारी संख्या में रोजगार देने वाले उद्योग एक के बाद एक बंद हो रहे हैं। हिन्दुस्तान को कर्ज की जरूरत नहीं है, आज देश को पैसों की जरूरत है। गरीब जनता को पैसे की जरूरत है। इसलिए कांग्रेस सरकार के सामने चार मांगें रखती है।’
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि गरीबों के खाते में तुरंत 10 हजार रुपए डाले जाने चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मैं खासकर भाजपा से कह रही हूं कि राजनीति मत करिए। यह सबको मिलकर गरीबों का साथ देने का समय है। विचारधारा से ऊपर उठने की जरूरत है। उत्तर प्रदेश सरकार ने बसों पर राजनीति की। महाराष्ट्र में सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है। आज देश की जनती दुखी है, तड़प रही है। सरकार उनकी मदद नहीं कर रही है। हम मानवीयता के आधार पर मांग कर रहे हैं, हम सब दुख की घड़ी में उनका साथ दें।’