प्रदीप शर्मा
लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (संशोधित) बिल पास हो गया. इस बिल को आज ही राज्यसभा में पेश किया गया था और इस पर चर्चा भी हुई. बिल पर वोटिंग के दौरान कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट कर दिया. इससे पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बिल पर चर्चा के दौरान कहा कि लोकतंत्र में कानून सबके लिए बराबर होता है, एक परिवार के लिए अलग कानून नहीं होता. हम परिवार का विरोध नहीं करते हैं. हम परिवारवाद का विरोध करते हैं। अमित शाह ने कहा कि देश में सिर्फ गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा नहीं हटाई गई।
गृहमंत्री ने कहा चंद्रशेखर जी, वीपी सिंह जी, नरसिम्हा रॉव जी, आईके गुजराल जी और मनमोहन सिंह जी की सुरक्षा को भी बदलकर जेड प्लस किया गया है, लेकिन कांग्रेस ने कोई नाराजगी नहीं दिखाई. उन्होंने कहा कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की भी एसपीजी सुरक्षा हटा ली गई, लेकिन उनको लेकर कांग्रेस में उस तरह का गुस्सा देखने को नहीं मिला जो गांधी परिवार की सुरक्षा हटाने पर देखने को मिला. गांधी परिवार समेत इस देश के 130 करोड़ लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारी है. गृह मंत्री ने कहा कि किसी की सुरक्षा हटाई नहीं गई है बल्कि बदली गई है और वही दी गई है जो देश के गृहमंत्री, उपराष्ट्रपति को मिली हुई है।
बिल पर चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस के आरोपों और आशंकाओं का चुन-चुनकर जवाब दिया और पूछा कि एसपीजी सुरक्षा की ही जिद क्यों। उन्होंने कहा कि एसपीजी का इस्तेमाल स्टेटस सिंबल के लिए नहीं हो सकता। शाह ने कहा कि गांधी परिवार की सुरक्षा हटाई नहीं गई है बल्कि बदली गई है। इस दौरान उन्होंने केरल में बीजेपी और आरएसएस कार्यकर्ताओं की राजनीतिक हत्या को लेकर लेफ्ट पर भी तगड़ा हमला बोला। कांग्रेस सदस्यों के वॉकआउट के बीच मंगलवार को यह बिल राज्यसभा में भी पास हो गया। इसका मतलब है कि अब एसपीजी सुरक्षा सिर्फ प्रधानमंत्री और उनके करीबी परिवार को मिलेगी, पूर्व प्रधानमंत्रियों या उनके परिवार वालों को नहीं।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘बिल पढ़ने के बाद भी सदस्यों में कुछ भ्रांति है, जनता में भी है, मीडिया में भी है। कुछ लोग कह रहे हैं कि इस बिल को एक परिवार को ध्यान में रखकर लाया गया है। गांधी परिवार के 3 सदस्यों को ध्यान में रखकर लाया गया है। ऐसा नहीं है। इस बिल और गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा के बीच कोई संबंध नहीं है।’