श्रीनगर : जम्मू एवं कश्मीर के शोपियां जिले में सुरक्षाबलों द्वारा शुक्रवार को मारे गए तीन आतंकवादियों में शीर्ष हिजबुल कमांडर लतीफ टाइगर भी शामिल है, जो इसी आतंकवादी संगठन के मारे जा चुके कमांडर बुरहान वानी का करीबी सहयोगी था।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि पहचान के बाद सभी तीनों शवों को उनके परिवारों को सौंप दिया गया। लतीफ अहमद डार के मारे जाने के साथ तथाकथित बुरहान वानी गैंग के अंतिम बचे हुए सदस्य का सफाया हो गया।
बुरहान ब्रिगेड के खात्मे की योजना राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने बनाई थी। इसका कोड नाम जैकबूट रखा गया। इसके द्वारा एकीकृत कमान को बुरहान समूह के 11 सदस्यों को व्यवस्थित रूप से खत्म करने को कहा गया। बुरहान समूह के 11 सदस्यों का एक फोटो बुरहान वानी के 8 जुलाई, 2016 के खात्मे के बाद वायरल हुआ था।
टाइगर अदखारा गांव के इमाम साहिब इलाके में मारा गया और लतीफ टाइगर उर्फ लतीफ अहमद डार के मारे जाने के साथ दक्षिण कश्मीर में बुरहान ब्रिगेड का एक तरह से खात्मा हो चुका है। 12 में से इसके 11 सदस्य मारे जा चुके हैं। 12 में से सिर्फ तारिक पंडित को सुरक्षाबलों ने 2016 में गिरफ्तार किया था।
गैंग के अन्य सदस्यों जिनका सफाया किया गया सबजर अहमद भट (मई 2017), वसीम मल्ला (अप्रैल 2015), नसीर अहमद पंडित (अप्रैल 2016), अफाकउल्ला भट (अक्टूबर 2015), आदिल अहमद खांडे (अक्टूबर 2015), सद्दाम पद्दार (मई 2018) शामिल हैं। इसके साथ सुरक्षा बलों का दावा है कि वसीम शाह व अनीस का सफाया कर दिया गया है।
लतीफ अहमद डार को पुलवामा जिले के अवंतपोरा इलाके के डोगरीपोरा गांव में अभियान के दौरान दिन में मार गिराया गया। वह पेशे से बढ़ई था। अन्य मारे गए दो आतंकवादियों की पहचान तारिक मोलवी व शरीक नेनग्रो के रूप में हुई है। दोनों शोपियां जिले के छोटीगाम गांव के रहने वाले थे।
भारतीय सेना का एक जवान भी इस संयुक्त अभियान में घायल हुआ। इस संयुक्त अभियान को राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर), राज्य पुलिस के विशेष ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) व केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने शुक्रवार को अंजाम दिया।
अनंतनाग लोकसभा सीट के लिए तीसरे और अंतिम चरण के मतदान में शोपियां और पुलवामा जिलों में छह मई को मतदान होगा।