नई दिल्ली : अरविंद केजरीवाल सरकार का कार्यकाल समाप्त होने के करीब है लेकिन दिल्ली की जनता अभी भी राष्ट्रीय राजधानी में मुफ्त वाईफाई इंटरनेट परियोजना की प्रतीक्षा कर रही है। आम आदमी पार्टी (आप) ने अपने घोषणापत्र में मुफ्त वाई-फाई (वायरलेस इंटरनेट एक्सेस) देने का वादा किया था जो कि अब तक अमल में नहीं आया है।
आम आदमी पार्टी की इस प्रमुख परियोजना की पहले से ही कई समयसीमाएं समाप्त हो चुकी है। इस साल के अंत तक हालांकि इस दिशा में काम शुरू होने की उम्मीद है। इस समय तक विधानसभा चुनावों की भी घोषणा हो जाएगी।
केजरीवाल सरकार का कार्यकाल फरवरी 2020 में खत्म होगा। वहीं वाई-फाई हॉटस्पॉट के पायलट चरण की शुरुआत मार्च 2020 में होने की संभावना है।
सरकारी दस्तावेजों के अनुसार, पूरे शहर में वाई-फाई हॉटस्पॉट के चालू होने की समय सीमा अब सितंबर 2020 तक रखी गई है। जबकि इस परियोजना के लिए निविदाएं (टेंडर) दिसंबर तक निकाली जा सकती है।
अपने 2015 के घोषणापत्र में, आप ने पूरी दिल्ली में सार्वजनिक स्थानों पर मुफ्त में वाईफाई उपलब्ध कराने का वादा किया था।
घोषणा पत्र में कहा गया कि सिटीवाइड वाई-फाई डिजिटल डिवाइड को कम करने में मदद कर सकता है। यह शिक्षा, उद्यमिता, व्यवसाय, रोजगार के साथ-साथ महिलाओं की सुरक्षा की पहल में भी तेजी लाएगा।
2013-14 में 49 दिनों तक सत्ता में रहने वाली पार्टी ने 2015 के घोषणापत्र में कहा था कि इस दिशा में काम करने के लिए इंटरनेट और दूरसंचार कंपनियों से संपर्क कर उनके परामर्श से उच्चस्तरीय अध्ययन किया गया है। इसके बाद फरवरी 2015 में एक शानदार जीत के साथ पार्टी सत्ता में वापस आई।
2015-16 का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली को तकनीकी रूप से उन्नत शहर बनाने में वाई-फाई को एक बड़ी पहल करार दिया था।
सिसोदिया ने कहा था, हमने पद ग्रहण करते ही इस मोर्चे पर पहल करनी शुरू की। क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ चर्चा और परामर्श के कई दौर हुए और कई मॉडलों का गहन विश्लेषण किया गया है। पहले चरण में सभी कॉलेजों व ग्रामीण क्षेत्रों में मुफ्त वाई-फाई सेवाओं की शुरुआत की जाएगी। इसके लिए 2015-16 में 50 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान है।
अगले साल, 2016-17 के लिए दिल्ली के बजट को पेश करते हुए, सिसोदिया ने फिर से इस परियोजना के बारे में बताते हुए कहा कि सरकार सार्वजनिक स्थानों पर वाई-फाई के क्रियान्वयन के तरीके तलाश रही है।
उन्होंने कहा, विभिन्न तकनीकी, वित्तीय और संगठनात्मक मॉडल तैयार किए जा रहे हैं.. इनसे मिलने वाले अनुभवों और सीख के आधार पर, सरकार उपभोक्ताओं को कम लागत में सर्वोत्तम गुणवत्ता वाला वाई-फाई देगी।
2017-18 और 2018-19 के लिए जारी बजट में हालांकि वाईफाई परियोजना का कोई जिक्र नहीं था। आउटकम बजट 2018-19 में सरकार ने कहा कि आरएफपी जारी करने की संभावित तारीख जून 2018 है। उस समय कहा गया कि पायलट प्रोजेक्ट के लांच का लक्ष्य मार्च 2019 है। इसमें यह भी उल्लेख किया गया था कि आईटी विभाग से पीडब्ल्यूडी को काम सौंपा गया है।
आउटकम बजट 2018-19 में कहा गया कि मार्च 2018 में, पीडब्ल्यूडी ने सूचित किया, पर्याप्त कर्मचारियों की अनुपलब्धता और इस क्षेत्र में विशेषज्ञता नहीं होने के कारण वह इस कार्य को पूरा करने में सक्षम नहीं होगा।
वहीं 2019-20 के मौजूदा बजट में सिसोदिया ने विभिन्न मॉडलों का अध्ययन करने के बाद कहा, हम अगले साल दिल्ली के निवासियों के लिए यह सेवा शुरू करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने इस परियोजना के लिए 150 करोड़ रुपये का प्रावधान भी रखा।
उन्होंने जानकारी दी कि शहर में मुफ्त इंटरनेट प्रदान करने के लिए सरकार की राष्ट्रीय राजधानी में 10,000 वाईफाई हॉटस्पॉट स्थापित करने की योजना है। वाई-फाई की गति प्रति माह 45 जीबी डेटा सीमा के साथ 4 एमबीपीएस होगी।
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