नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को केंद्र को लोकपाल की चिर-प्रतीक्षित नियुक्ति की प्रक्रिया के अनुपालन में अब तक उठाए गए कदमों के साथ एक हलफनामा पेश करने का निर्देश दिया।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगई और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की पीठ ने महान्यायवादी के.के. वेणुगोपाल को यह सुनिश्चित करने को कहा कि दो सप्ताह के भीतर दाखिल एक हलफनामे के माध्यम से अब तक उठाए गए कदमों का ब्योरा पेश किया जाए।
पीठ ने कहा, काफी समय बीत गया है इसलिए कुछ करने की जरूरत है।
सारे विवरण को अभिलेख के तौर पर पेश करने का निर्देश देते हुए अदालत ने इस विषय पर दोबारा विचार करने के लिए 17 जनवरी की तारीख मुकर्रर की।
प्रधान न्यायाधीश गोगोई ने महान्यायवादी से कहा, नहीं, कोई नोट नहीं, हलफनामा दाखिल करें।
उन्होंने पीठ से लोकपाल की नियुक्ति प्रक्रिया में सरकार द्वारा उठाए गए कदमो के ब्योरे के साथ एक नोट पेश करने की मांग की थी।
पिछली सुनवाई के दौरान 24 जुलाई को अदालत ने कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के सचिव द्वारा दाखिल हलफनामे को पूर्ण रूप से असंतोष्रद बताते हुए स्वीकार करने से मना कर दिया था। अदालत ने लोकपाल के लिए संभावित नामों का सुझाव को लकर खोज समिति का गठन करने के लिए उठाए गए कदमों का पूर्ण विवरण के साथ बेहतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था।
अदालत का यह आदेश एनजीओ कॉमन कॉज द्वारा दायर की गई अवमानना संबंधी एक याचिका पर सुनवाई के क्रम में आया है।