नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने रविवार को एक बयान जारी कर इस बात से इनकार किया कि प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप की जांच कर रही उसकी आंतरिक समिति के सदस्यों से न्यायमूर्ति डी.वाई.चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति रोहिंटन नारीमन ने मुलाकात की थी।
एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति नारीमन ने समिति सदस्यों न्यायमूर्ति एस.ए.बोबडे, न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति इंदू मल्होत्रा से तीन मई की शाम को मुलाकात की थी और शिकायतकर्ता की गैरमौजूदगी में जांच जारी रखने पर अपनी चिंता व्यक्त की थी।
बयान में सर्वोच्च न्यायालय के सेक्रेटरी जनरल संजीव कालगाओंकर ने कहा, यह पूरी तरह गलत है। देश के आदरणीय प्रधान न्यायाधीश से संबंधित मामले पर विचार कर रही (अदालत की) आंतरिक समिति इस अदालत के किसी आदरणीय न्यायाधीश से कोई राय लिए बिना खुद ही इस मामले की जांच कर रही है।
प्रधान न्यायाधीश पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला ने 30 अप्रैल को कहा था कि वह मामले की जांच कर रही सर्वोच्च न्यायालय गठित समिति के समक्ष अब पेश नहीं होगी क्योंकि उसे नहीं लगता कि उसे न्याय मिलेगा।
मीडिया को दिए बयान में महिला ने कहा था कि तीनों न्यायाधीशों के सामने वह खुद को डरा हुआ और नर्वस महसूस करती है।