नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को एक सिख वकील को आश्वासन दिया कि वह अदालत कक्ष में कृपाण के साथ जाने की इजाजत नहीं देने की उनकी शिकायत पर संज्ञान लेगा। कृपाण सिख धर्म का एक प्रतीक है।
वकील अमृतपाल सिंह खालसा ने अदालत को बताया कि उन्हें उनकी कृपाण के साथ अदालत कक्ष में प्रवेश करने से रोका गया और इस वजह से वह प्रताड़ित और अपमानित महसूस कर रहे हैं। इसके बाद प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत की पीठ ने उन्हें यह आश्वासन दिया।
खालसा ने कहा कि यह संवधिान के अनुच्छेद 25 का उल्लंघन है, जो धर्म की स्वतंत्रता व प्रचार, अभ्यास और आस्था की अभिव्यक्ति का स्वतंत्र रूप से अधिकार प्रदान करता है। प्रधान न्यायाधीश गोगोई ने कहा, हम मामले को देखेंगे।